मुख्य बातें
- प्रदोष व्रत शिव जी को समर्पित है
- प्रदोष व्रत की शाम को दिन ढलने के बाद शनिदेव की पूजा का विधान है
- इस दिन सुंदरकांड का पाठ भी फल देता है
भाद्रपद माह की द्वादशी के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है और इस दिन शनिदेव की पूजा के साथ कुछ खास उपाय साढ़े साती, ढैय्या और शनि की महादशा से मिल रहे कष्टों से मुक्त कर देंगे। प्रदोष व्रत की शाम को दिन ढलने के बाद शनिदेव की पूजा का विधान होता है। तो आए जानें की वे कौन से उपाय हैं जो आपको प्रदोष पर शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए जरूर करने चाहिए।
प्रदोष व्रत के दिन करें ये उपाय, शनि से मिल रहे कष्ट होंगे दूर
- यदि आपके ऊपर शनि की साढ़े-साती चल रही हो या ढैय्या तो आपको इस दिन शनिदेव को नीले अपराजिता के फूल जरूर चढ़ाने चाहिए। शनिदेव को नीले अपराजिता चढ़ाने के चमत्कारिक प्रभाव तुरंत आपको नजर आने लगेंगे।
- यदि शनि किसी अन्य ग्रह के साथ आपको अधिक कष्ट पहुंचा रहे तो प्रदोष व्रत करने के साथ ही आप शनिदेव को जब अपराजिता फूल को चढ़ाएं तो उसके साथ ही साथ काला तिल भी चढाएं। साथ ही तिल के तेल का दीया भी जलाएं। अपने कष्ट से मुक्त होने के लिए शनिदेव से प्रार्थना करें।
- यदि शनि मारक ग्रह की तरह हैं तो जातक को इस दिन शनिदेव को अपराजिता के फूल को चढ़ाने के बाद वहीं बैठकर शनि चालिसा और हनुमान चालिसा का पाठ करना चाहिए। पाठ करने के बाद शनिदेव के चरणों में चढ़ाए अपराजिता के फूल को उठा लें और किसी नदी में प्रभावित कर दें।
- यदि किसी मुकदमे या विवाद में फंस गए हो तो प्रदोष व्रत की शाम को काले कुत्ते या काली गाय को रोटी जरूर खिलाएं। काली गाय को या काले कुत्ते को रोटी खिलाएं। इस उपाय से शनिदेव से मिल रहे कष्ट भी कम होंगे।
- प्रदोष व्रत की शाम को आप पीपल के पेड़ की जड़ में सरसों के तेल का दीया जलाएं और जल चढ़ाकर वहीं बैठकर शनिदेव के मंत्र ‘ओम प्रां प्रीं प्रों सः शनिचराय नमः’ या फिर ‘ओम शं शनैश्चराय नमः का जाप करें।’ ऐसा करने से आपके सभी कष्ट दूर होंगे।
- प्रदोष व्रत की शाम शनिदेव या हनुमान मंदिर में जाएं और पूजा के बाद वहीं बैठकर सुंदरकांड का पाठ करें। पाठ करने के बाद इस मंत्र का जाप करें। “नीलांजन समाभासं रवि पुत्रां यमाग्रजं। छाया मार्तण्डसंभूतं तं नामामि शनैश्चरम्।।”
- प्रदोष व्रत की रात बरगद के पेड़ की जड़ के पास चौमुखा दीपक जलाना चाहिए। इससे शनि की साढ़े-साती और ढैय्या के कष्टों से मुक्त हुआ जा सकता है।
- प्रदोष व्रत की शाम कुष्ठरोगियों या जरूरतमंद को काली चीजों का दान जरूर करें। छाता, जूते-चप्पल, काली उड़द की दाल या वस्त्र दान करना चाहिए।
प्रदोष व्रत की रात को किए इन उपायों से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और अपने कष्ट से भक्तों को मुक्त करते हैं।