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Raksha Bandhan 2020: क्‍या है राखी बांधने का सही तरीका, त‍िलक से लेकर राखी बांधने और आरती की पारंपर‍िक व‍िध‍ि

Updated Aug 03, 2020 | 06:32 IST

Traditional way to tie Rakhi: भाई को राखी हमेशा पारंपर‍िक तरीके से बांधनी चाह‍िए। शुरुआत त‍िलक लगाने से करें और अंत में भाई की आरती जरूर उतारें। जानें इस बारे में व‍िस्‍तार से।

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तस्वीर साभार:&nbspShutterstock
Raksha Bandhan 2020 : रक्षा बंधन की पारंपर‍िक व‍िधि‍
मुख्य बातें
  • राखी बांधते समय भाई का मुख पूर्व दिशा की ओर हो
  • सबसे पहले दही से करें तिलक
  • नीचे आसन लगाकर ही बांधें राखी

रक्षाबंधन के इस पवित्र त्‍योहार पर धागे का वो अटूट बंधन आप दोनों को ताउम्र जोड़े रखता है। जिस बहन का कोई भाई नहीं होता, उसे इस दिन भाई होने के एहसास सबसे अधिक होता है और जिस भाई की कलाई इस दिन सूनी रहती है, वो अंदर से बहन के प्यार के लिए तरसता है। भाई-बहन के इस अटूट प्यार वाले पवित्र त्‍योहार का एक पारंपरिक तरीका है। आपको बताएंगे पारंपरिक तरीके से राखी बांधने की पूरी विधि।  

हमारे शास्‍त्रों के अनुसार माथे पर श्वेत चंदन, लाल चंदन, कुमकुम, भस्म आदि से तिलक लगाना शुभ माना गया है। रक्षाबंधन के दिन माथे पर कुमकुम और चावल का तिलक लगाया जाता है।

क्‍यों लगाते हैं कुमकुम के साथ अक्षत का तिलक 
हमारे शास्‍त्रों के अनुसार चावल एक शुद्ध अन्न है, जो हवन में देवताओं को चढ़ाया जाता है। यह हमारे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा पैदा करता है। कच्‍चे चावल का तिलक सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करने वाला होता है। साथ ही इससे हमारे आस पास की नकारात्मक ऊर्जा समाप्‍त होती है। इस तिलक को माथे के बीच में लगाते हैं। यह तिलक विजय, मान-सम्‍मान और वर्चस्व का प्रतीक माना जाता है। 

राखी बांधने की पारंपर‍िक व‍िध‍ि 

  1. बहनें रखें व्रत : रक्षाबंधन के दिन जब तक भाई की कलाई पर राखी न बांध लें, तब तक आप व्रत रखें। कहा जाता है कि पारंपरिक विधि यही है।  
  2. पूजा की थाली की विशेष विधि : राखी बांधने से पहले आप पूजा की थाली को सही तरह से सजाएं। पूजा की हर सामग्री का रखें ख्याल। थाली में दही, अक्षत, फूल, दीपक, रोली, मिठाई और राखी अवश्य रखें।   
  3. सर्वप्रथम दही से करें तिलक : दही को हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है। पूजा-पाठ इसके बिना असंभव है। भाई को राखी बांधने से पहले उसके माथे पर दही का तिलक लगाएं।  
  4. फिर रोली से करें तिलक : दही से भाई का तिलक करने के बाद आप उसके माथे पर रोली का टिका लगाएं। 
  5. अक्षत और फूल : रोली के तिलक के बाद भाई पर अक्षत और फूल चढाएं। आंखें बंद करके इसी समय अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करें।  
  6. राखी बांधकर आरती करें : अब अपने भाई के दाहिने हाथ की कलाई पर राखी बांधकर उसकी आरती उतारें और उसे मिठाई खिलाएं।  

राखी बांधने की सही जगह  
राखी बांधते समय इस बात का ध्यान दें कि बेड या सोफे पर बैठकर राखी बिल्कुल न बांधें। बेहतर होगा कि लकड़ी के पीढ़े (छोटा पाटला) पर बैठकर और भाई को बिठाकर ही राखी बांधें। भाई का मुख पूर्व दिशा की ओर रखें। राखी बांधते समय आपका मुंह पश्चिम दिशा की तरफ हो।  

राखी बांधते समय बहनों को पढ़ना चाहिए यह मंत्र 
अगर राखी बांधते समय बहनें रक्षा सूत्र पढ़ती हैं तो यह बेहद ही शुभ होता है। इस रक्षा सूत्र का वर्णन महाभारत में भी आता है। 

ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:। 
तेन त्वामपि प्रति बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।। 

रक्षाबंधन की पूरी विधि को अपनाएं। इससे आपके त्‍योहार की गरिमा सदैव बनी रहेगी। आपसे ही आपकी आने वाली पीढ़ी सीखेगी।  

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