- भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है रक्षाबंधन
- श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है रक्षाबंधन
- द्रोपदी ने भी बांधी थी भगवान श्री कृष्ण को राखी
Raksha Bandhan 2022 Date: हिंदू शास्त्र में रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। यह त्योहार केवल भारत में ही नहीं बल्कि अन्य देशों में भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र (Raksha Bandhan) बांधते हुए भगवान से उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार रक्षाबंधन हर श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। रक्षा सूत्र बांधने के बाद भाई भी बहन की रक्षा करने का प्रतिज्ञा लेता है। यदि आप रक्षाबंधन की तारीख (Raksha Bandhan Date 2022) जानना चाहते हैं, तो इस आर्टिकल से आप तिथि के अलावा और कई सारी जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।
Raksha Bandhan 2022 Date, Time in India, रक्षाबंधन 2022 डेट और समय
रक्षाबंधन हर साल श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। साल 2022 में रक्षा बंधन ( when is Raksha Bandhan in 2022) का त्योहार 11 अगस्त को मनाया जाएगा।
- श्रावण माह 2022 पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 11 अगस्त 2022 को सुबह 10:38 से
- श्रावण माह 2022 पूर्णिमा तिथि समापन- 12 अगस्त 2022 को सुबह 07:05 बजे तक
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How do we celebrate RakshaBandhan, रक्षाबंधन कैसे मनाया जाता है
- रक्षाबंधन से कुछ दिन पहले बहन अपने भाई के लिए राखी खरीदती हैं।
- राखी के दिन बहन सुबह-सुबह नित्य क्रिया से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करके पूजा की थाल में दीपक, अक्षत, चंदन, मिठाई और राखी रखकर थाल को सजाती हैं।
- बाद में भाई को बैठाकर उनके माथे पर तिलक लगाकर उनकी आरती उतारती हैं।
- आरती करने के बाद बहन भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधते हुए भगवान से उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं।
- रक्षा राखी बांधने के बाद बहन भाई को मिठाई खिलाते हैं।
- भाई भी राखी बांधने के बाद अपनी बहन की सदैव रक्षा करने का वचन देता है।
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History of RakshBandhan, रक्षाबंधन का इतिहास और महत्व
रक्षाबंधन भाई बहन के प्यार का प्रतीक माना जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधते हुए उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं। वैसे तो राखी को लेकर कई सारी कहानियां प्रचलित है, उन्ही कहानियों में से एक ये है। जब बहादुर शाह ने रानी कर्मावती के राज्य को घेराबंदी कर लिया, तो रानी ने राज्य को बचाने के लिए हुमायूं को राखी भेज कर उससे रक्षा करने का अनुरोध किया। हुमायूं ने रानी के भेजे हुए राखी का मान रखा और बहादुर शाह को बंदी बनाकर पकड़ लिया। आपको बता दें द्रोपती के बांधे गए राखी की वजह से ही भगवान श्री कृष्ण ने भरी सभा में उन्हें निर्वस्त्र होने से बचाया था।
(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)