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Ramayana: इन जगहों से भगवान राम, सीता और लक्ष्मण का रहा है गहरा नाता, आज इन नामों से जाना जाता है

Updated Apr 07, 2020 | 17:12 IST

रामेश्वरम में रामायण से जुड़ी कई कथाएं मौजूद हैं। मान्यता है कि रामेश्ववरम में ही समंदर में पानी पर तैरते पत्थरों पर से लंका जाने का रास्ता भगवान राम ने बनाया था।

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रामायण के प्रसिद्ध स्थल जो आज भी हैं लोकप्रिय
मुख्य बातें
  • रामायण के प्रसिद्ध स्थल जो आज भी लोगों के बीच हैं काफी लोकप्रिय
  • अयोध्या जिसे साकेत के नाम से भी जाना जाता रहा है, यह भारत का एक प्राचीनतम शहर है
  • रामेश्ववरम में ही समंदर में पानी पर तैरते पत्थरों पर से लंका जाने का रास्ता भगवान राम ने बनाया था

रामायण में दिखाए गए जगहें आज भी अस्तित्व में हैं। आज उन जगहों को किसी और नामों से जाना जाता है तो कुछ के नाम पहले से ही हैं। इन जगहों को आज तीर्थस्थल के रुप में देखा जाता है जहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और रामायण की कथाओं को और करीब से जानने का सौभाग्य प्राप्त करते हैं।
जानते हैं ऐसे ही कुछ प्रमुख स्थलों के बारे में जो रामायण में दिखाए गए हैं और आज भी वे प्रासंगिक हैं लेकिन आज उन्हें किसी और नामों से जाना जाता है-

अयोध्या
अयोध्या जिसे साकेत के नाम से भी जाना जाता रहा है, यह भारत का एक प्राचीनतम शहर है। इसे भगवान राम का जन्मस्थान कहा जाता है। जहां से रामायण की शुरुआत हुई थी। यह उत्तर प्रदेश के फैजाबाद शहर के दक्षिणी छोर के पास स्थित है। अयोध्या प्राचीनतम शहर कोसाला की राजधानी हुआ करती थी। यह सरयू नदी के किनारे बसा है।

किष्किंधा
किष्किंधा वानरों के राजा सुग्रीव की राजधानी थी। रामायण में सुग्रीव बाली के छोटे भाई थे। यह उनकी राजधानी थी जहां पर वे हनुमान की मदद से अपना राजपाट चलाते थे। यह कर्नाटक में हंपी के निकट तुंगभद्रा के निकट स्थित पाया गया है। रिषिमुख नदी के पास स्थित पर्वत जहां सुग्रीव हनुमान के साथ रहते थे उसे भी आज उसी नाम से जाना जाता है।

रामेश्वरम
रामेश्वरम में रामायण से जुड़ी कई कथाएं मौजूद हैं। मान्यता है कि रामेश्ववरम में ही समंदर में पानी पर तैरते पत्थरों पर से लंका जाने का रास्ता भगवान राम ने बनाया था। यहां एक मंदिर है जिसे लक्ष्मण तीर्थ और राम तीर्थ कहा जाता है। कहा जाता है कि यहां दो टैंक हैं जहां भगवान श्रीराम नहाए थे। एक अन्य कोडी तीर्थ है जहां पर कहा जाता है कि भगवान राम ने समंदर में रास्ता बनाने के लिए अपना तीर चलाया था।

हंपी (विजयनगर)
हंपी प्राचीनकाल में विजयनगर की राजधानी हुआ करता था। उस समय यह रोम से भी बड़ा साम्राज्य हुआ करता था। करीब 10 लाख लोग इस शहर में रहा करते थे। यहीं पर भगवान राम की मुलाकात हनुमान से हुई थी। इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि पार्वती की मुलाकात भगवान शिव से हुई थी और दोनों की शादी यहीं हुई थी।

नासिक
यह मुंबई से 187 किमी की दूरी पर स्थित है। भगवान राम अपने वनवास के दौरान यहां कुछ समय तक रुके थे और यहीं से रावण ने सीता का अपहरण किया था। यह गोदावरी नदी के किनारे बसा है जो बंगाल की खाड़ी में गिरती है। लक्ष्मण ने रावण की बहन शूर्पनखा की नाक यहीं काटी थी इसलिए इसका नाम नासिक पड़ा है। राम कुंड यहीं पर हा जहां कहा जाता है कि राम और सीता नहाया करते थे इसलिए इस टैंक को पवित्र माना जाता है। कहा जाता है कि राम ने अपने पिता दशरथ के अस्थियों को भी यहीं बहाया था।

चित्रकूट
राम और सीता अपने 14 सालों के वनवास में यहां काफी समय के लिए रुके थे। यह उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बॉर्डर पर स्थित है। यह इलाहाबाद से 132 किमी की दूरी पर है। राम और सीता यहां 11 सालों तक रहे। चित्र मतलब सुंदर होता है और कूट मतलब पर्वत। यानि यहां पर सुंदर पर्वतों की माला है। यहीं पर राम के भाई भरत उन्हें वापस अयोध्या वापस लौटने के लिए कहने आए थे लेकिन राम ने वापस जाने से मना कर दिया था।

पंचवटी
पंचवटी में भगवान राम, सीता और लक्ष्मण वनवास के दौरान रहा करते थे। यह जंगल में बनी एक कुटिया है जहां ये तीनों रहते थे, यहीं से रावण ने सीता का हरण किया था। गोदावरी नदी को पार कर ही राम सीता और लक्ष्मण पंचवटी पहुंचे थे।

कैलाश
कैलाश पर्वत आज भी काफी प्रसिद्ध है लोग यहां ना सिर्फ घूमने आते हैं बल्कि माउंटेनिंग करने भी आते हैं। कहा जाता है कि हनुमान ने यहीं से संजीवनी बूटी ली थी और लक्ष्मण की जान बचाई थी। कैलाश पर्वत को भगवान शिव का भी स्थल कहा जाता है।  

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