- साईं की पूजा कभी किसी दुर्भावाना के साथ न करें
- प्रसाद कभी अगले दिन के लिए नहीं बचाना चाहिए
- बचे हुए प्रसाद कुत्ता, गाय आदि को डाल देना चाहिए
शिरडी वाले साईं बाबा की पूजा का विशेष दिन गुरुवार होता है और इस दिन साईं को यदि सच्चे मन से याद किया जाए तो मनुष्य के कष्ट दूर हो जाते हैं, लेकिन कुछ गलतियां ऐसी हैं यदि मनुष्य करे तो साईं बेहद नाराज होते हैं। साईं अपने भक्तों के प्रेम के भूखे हैं और वह भक्तों से यही उम्मीद रखते हैं, लेकिन कई बार भक्त अनजाने में कुछ ऐसी भूल कर बैठते हैं जो उनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए साईं की पूजा से जुड़े नियमों का ध्यान रखें और यह जानें कि किस भूल को साईं बाबा माफ नहीं करते हैं।
ऐसे करें साईं बाबा की पूजा
स्नान करने के बाद साईं बाबा की पूजा शुरू करें। सर्वप्रथम साईं को प्रणाम करें और इसके बाद दूध-दही मिश्रित जल से साईं का स्नान करें। फिर स्वच्छ जल से साईं को स्नान कराएं। फिर एक स्वच्छ वस्त्र से उन्हें पोंछ कर उनको वस्त्र प्रदान करें। इसके बाद पुष्प अर्पित करें और धूप-दीप जला कर भगवान की पूजा प्रारंभ करें। इसके बाद श्रद्धा और सबुरी को समर्पित दो घी के दीपक साईं बाबा के समक्ष जलाएं।
इन दोनों दीपकों में इतना घी रखना चाहिए जिससे साईं बाबा के सामने कम से कम 21 मिनट तक जले। फिर साईं बाबा के सम्मुख सतचरित्र का पाठ करें। ध्यान रहना चाहिए कि साईं बाबा के सामने किए गए पथों की संख्या 11 हो। पूजा-पाठ के दौरान हृदय से मनन करें। अंत में “ऊं साईं नाथाय नमः”, “ऊं श्री शिर्डी देवाय नमः” जाप करते हुए प्रसाद में बाबा को फल, मिष्ठान अर्पण करे और वही भोजन स्वंय प्रसाद के रूप में लें।
भूल के भी न करें ये गलतियां
- साईं की पूजा में बहुत ज्यादा दिखावा या चढ़ावा न चढ़ाएं।
- साईं को जो भी प्रसाद आप चढ़ाएं उसे भक्तों में बांटे और बचा हुआ प्रसाद कभी अगले दिन के लिए न रखें।
- साईं के प्रसाद को कभी फेंके नहीं बल्कि बचे हुए भोजन को गाय, कुते और अन्य जीवों में बांट दें।
- साईं की पूजा कभी किसी दुर्भावना के साथ न करें।
साईं की पूजा करते हुए इन बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए, ताकि पूजा का संपूर्ण पुण्य आपको प्राप्त हो सके।