- सावन भगवान शिव का प्रिय महीना है।
- इस महीने शिवजी की भक्ति का अनन्त फल मिलता है।
- सावन में शिवजी के भजन सुनकर आप अपने दिन की शुरुआत कर सकते हैं।
शिवजी के भजन: शिवजी का पावन महीना सावन आज 6 जुलाई सोमवार से शुरू हो रहा है। इस बार सावन की शुरुआत और समाप्ति सोमवार को हो रही है। सावन महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। इस महीने शिवजी के भजन खास तौर पर सुने जाते हैं।
रावण द्वारा रचित शिव तांडव स्त्रोत्रम हमेशा से ही भगवान शिव शंकर का महान मंत्र रहा है। मान्यता के मुताबिक रावण ने एक बार उन्माद में आकर कैलाश पर्वत को उठा लिया था। भगवान शिव ने अपने पैर के अंगूठे से इसे दबा दिया था। रावण में दर्द से कराहते हुए इसकी रचना की है।
शिवजी का स्तुति मंत्र- कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम् । सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि ।। सिंगर अनुराधा पौडवाल की आवाज में ये भजन सुनकर आप अपने दिन की शुरुआत कर सकते हैं।
जरूर सुनें शिव पंचाक्षर स्तोत्र
शिव पंचाक्षर स्तोत्र को आदि शंकराचार्य ने लिखा है। इस मंत्र के बोल हैं- नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय। नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न काराय नम: शिवाय:।। अनुराधा पौडवाल की आवाज में सुने ये भजन।
श्रीराम ने रावण से विजय पाने के लिए रामेशवरम में शिवलिंग की स्थापना की थी। इसके बाद उन्होंने रूद्राष्टकम स्तुति का श्रद्धापूर्वक पाठ किया था। नमामीशमीशान निर्वाणरूपं। विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्॥ निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं। चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम्॥
जरूर पढ़ें शिव चालिसा
भगवान शिव की चालिसा यानी शिव चालिसा का पाठ जरूर करनी चाहिए। शिव चालिसा 40 छन्दों से बनी हुई है। शिव चालिसा का पाठ भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे आसान तरीका है।
सावन माह में सोमवार की पूजा से शिव और चंद्र दोनों ही प्रसन्न होते हैं। सावन के सोमवार को भगवान शिव व देवी पार्वती की पूजा से वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है। इसके अलावा विवाह में यदि अड़चन आ रही हो तो सोलह सोमवार का व्रत बेहद फलदायी होता है।