- सावन के सोमवार को खास होती है शिव पूजा, आज है तीसरा सोमवार
- कोरोना के प्रकोप के बीच मास्क लगाकर भक्त कर रहे हैं भोले के दर्शन
- उज्जैन के महाकालेश्वर और नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर में भी हो रही है शिव पूजा
सावन में शिव पूजा बेहद फलदायी मानी गई है और सोमवार तो इसका महत्व और बढ़ जाता है। इस साल सावन में खास संयोग ये है कि ये मास सोमवार से शुरू होकर सोमवार को ही समाप्त होगा। 20 जुलाई यानी सावन के तीसरे सोमवार को उज्जैन के महाकालेश्वर में भस्म आरती पूरी की गई। वहीं देवघर और नेपाल में भी भक्तों ने दर्शन किए। हालांकि कोरोना के चलते मंदिर नहीं खुले हैं।
उज्जैन के महाकालेश्वर में भस्म आरती
मध्य प्रदेश में उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में पुजारियों ने सुबह भस्म आरती की। मंदिर के भीतर पुजारियों ने मास्क पहनकर शिवलिंग को भस्म अर्पित किया। विश्व प्रसिद्द ज्योतिर्लिंग उज्जैन के महाकालेश्वर का सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में बड़ी मान्यता है। सावन के पवित्र मौसम में सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु यहां आते हैं। भगवान भोलेनाथ की आराधना करते हैं।
बाबा बैद्यनाथ मंदिर में पूजा
कोरोना के चलते देश के ज्यादातर हिस्सों में मंदिर बंद हैं। ऐसे में झारखंड के देवघर में बाबा बैद्यनाथ मंदिर में पुजारियों ने पूजा-अर्चना की। मंदिर के बाहर लोग जमा न हों, इसलिए पुलिस तैनात की गई है। कोरोना काल में लोग भी प्रशासन द्वारा जारी की गई गाइड लाइन को पूरी तरह से मान रहे हैं।
नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर के बाहर भीड़
सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पड़ोसी मुल्क नेपाल में भी सावन के तीसरे सोमवार को भक्तों की भीड़ मंदिर के बाहर दिखाई दी। कोरोना के चलते नेपाल में भी मंदिर बंद हैं। काठमांडू के पशुपतिनाथ मंदिर में लोगों की बड़ी श्रधा है। श्रद्धालु मंदिर के बाहर मास्क लगाकर भगवान की प्रार्थना करते नजर आए।
विशेष महत्व है सावन के सोमवार की
पूरे देश में सावन के सोमवार का विशेष महत्व है। सोमवार को स्त्री-पुरुष सभी व्रत रखते हैं। इस दिन भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाए जाते हैं। शिव मंदिरों और शिवालयों में इस दिन शिवलिंग पर दूध और जल का अभिषेक किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि सावन के सोमवार को व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।