- शनिदेव का सरसों या तिल के तेल से अभिषेक करें
- शनि प्रदोष पर शिव और शनिदेव दोनों की ही पूजा करें
- शनिदेव के उपाय और पूजा शाम के वक्त ही करें
शनि प्रदोष व्रत करने से त्रयोदशी व्रत का भी फल मिलता है। शनिदेव के आराध्य गुरु शिवजी माने गए हैं, इसलिए शनि प्रदोष का महत्व ज्यादा बढ़ जाता है। इस दिन पूजा-पाठ और व्रत करने से शिवजी और शनिदेव दोनों ही प्रसन्न होते हैं। ऐसे में यदि शनि के बुरे प्रभाव मनुष्य को मिल रहे हों या शनि कुंडली में नीच स्थान पर बैठा हो तो शनि प्रदोष पर कुछ उपाय जरूर करने चाहिए।
शनि प्रदोष पर शनि से जुड़े कष्टों से मुक्ति के लिए किए गए उपायों पर भगवान शिव का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है और यही कारण है कि शनि प्रदोष का महत्व बहुत अधिक होता है। खास बात ये है कि इसस बार ये संयोग बहुत भाग्य से सावन मास में पड़ रहा है। अब अगले सात साल बात ये संयोग प्राप्त होगा। इसलिए इस मौके पर आपको कुछ अचूक उपाय कर लेने चाहिए।
सर्वप्रथम जानें, शनि प्रदोष पर पूजा विधि
शनि प्रदोष के दिन सुबह स्नान कर भगवान शंकर, पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद शिवजी को बेलपत्र, गंध, अक्षत, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, फल, पान, सुपारी, लौंग व इलायची अर्पित करें। भगवान शिव की सोलह तरह की सामग्री से पूजा करनी चाहिए। इसके बाद आठ दीपक अलग-अलग दिशाओं में जलाएं और दीपक रखते समय प्रणाम करें। शाम के समय शिव जी की एक बार फिर इसी विधि से पूजा करें और शनिदेव की पूजा करें। शनिदेव की पूजा के लिए तिल के तेल का दीपक जलाएं और काली चीज जैसे काला तिल, काला वस्त्र, तेल, उड़द आदि आर्पित करें। इसके बाद पीपल के पेड़ की पूजा करें और शनि स्त्रोत का पाठ करें।
shani pradosh vrat ke upay, कष्टों से मुक्ति के लिए करें शनि प्रदोष पर ये अचूक उपाय
- भाग्योदय के लिए करें ये उपाय : संकट से बचने के लिए शनि प्रदोष के दिन बूंदी के लड्डू काली गाय को खिलाएं और काले कुत्ते को तेल से चुपड़ी हुई रोटी खिलाएं। इसेस कष्ट भी दूर होंगे और भाग्योदय भी होगा।
- संकट दूर करने के लिए करें ये उपाय : कांसे की कटोरी में तिल या सरसों का तेल लें और उसमें अपने चेहरे को देखें। इसके बाद इस तेल को शनिदेव के नाम दान लेने वाले को दे दें।
- शनि ग्रह की मजबूती के लिए : शनि प्रदोष के दिन कम से कम एक माला शनि मंत्र का जाप जरूर करें। इस मंत्र के जाप से शनिग्रह को मजबूती मिलेगी और शनि से मिल रहे कष्ट दूर होंगे।
- नौकरी पर आए संकट को दूर करने के लिए : इस संकट से बचने के लिए नाव की पुरानी कील की अंगूठी शनि प्रदोष के दिन पहन लें। साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- अशुभ प्रभाव से बचने के लिए : शनि का अशुभ प्रभाव को दूर करनेके लिए 'ओम प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः' का जाप शनि प्रदोष से शुरू करें और कम से कम 21 शनिवार करें।
- दांपत्य जीवन की परेशानियां दूर करने के लिए : दांपत्य जीवन में कष्ट हो तो हनुमान मंदिर में शनिवार के दिन चमेली के तेल में सिंदूर मिला कर अर्पित करें। इसके बाद वहीं बैठकर सुंदरकांड का पाठ करें। साथ ही आपके दांपत्य जीवन में खुशियां आ जाएंगी।
- व्यवसाय से जुड़ी दिक्कतों से मुक्ति के लिए : शनि प्रदोष के दिन शिवजी का शाम को अभिषेक करें और इसके बाद शनि स्त्रोत का पाठ करें। इससे दिक्कते चमत्कारिक ढंग से दूर हो जाएंगी।
- साढ़ेसाती के प्रभाव से बचने के लिए : शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव से बचने के लिए इस दिन शनिदेव का सरसों या तिल के तेल से अभिषेक करें। इससे शनि से मिल रहे कष्ट दूर होंगे।
शनि प्रदोष पर किए गए ये उपाय बहुत ही कारगार और अचूक हैं। भगवान शिव और शनिदेव की पूजा के बाद इन उपायों को अपनाएं।