- नवग्रहों में हर ग्रह हमारे जीवन चक्र से जुड़े हुए हैं
- शुक्र ग्रह को वृष राशि और तुला राशि का स्वामी माना गया है
- माना जाता है कि शुक्र भौतिक और सुख का प्रतीक होता है
Shukra Grah Upay Benefits: हम सबके जीवन में ग्रहों का विशेष महत्व होता है। ग्रहों की चाल और नक्षत्र से हमारे जीवन में गहरा प्रभाव पड़ता है। हिंदू धर्म और पौराणिक कथाओं में नौ ग्रह गिने जाते हैं। इन नौ ग्रह में सूर्य, चंद्रमा, बुध, शुक्र, मंगल, गुरु, शनि, राहु और केतु है। इन नवग्रहों में हर ग्रह हमारे जीवन चक्र से जुड़े हुए हैं और इन ग्रहों में शुक्र ग्रह का स्थान सबसे ज्यादा अहम है। ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, शुक्र ग्रह को वृष राशि और तुला राशि का स्वामी माना गया है। माना जाता है कि शुक्र भौतिक और सुख का प्रतीक होता है। शुक्र ग्रह अगर मजबूत है तो धन, यश, सुख संपत्ति की प्राप्ति होती है, वहीं अगर शुक्र कमजोर है तो यह भरी तिजोरी भी खाली कर देता है। आइए जानते हैं कमजोर शुक्र को मजबूत करने के उपाय...
पढ़ें- जीवन में कभी भी इन चार लोगों से भूलकर भी न करें लड़ाई, जीवन भर पड़ेगा पछताना
इस मंत्र का करें जाप
ज्योतिष विशेषज्ञ गोविंद पांडे बताते हैं कि शुक्र कमजोर होने पर सुबह व शाम की पूजा करते वक्त 11 या 21 बार इस मंत्र का जाप करें- ज्यो ऊं शुं शुक्राय नम: या ऊं द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः। इसे हर रोज करना है। ऐसा करने से रुके हुए काम बनने लगेंगे। साथ ही घर में सुख शांति आएगी।
शुक्रवार को रखें व्रत
इसके साथ ही जिन लोगों का शुक्र ग्रह कमजोर होता है उन्हें शुक्रवार का व्रत रखना चाहिए। यह व्रत 11 शुक्रवार रखें या 21 शुक्रवार रखें यह आप पर निर्भर करता है। शुक्रवार का व्रत रखने से शुक्र मजबूत होता है और मां लक्ष्मी का वास होता है। शुक्रवार का व्रत रखने के बाद इसका उद्यापन कर दें। इसके उद्यापन करने के लिए आप 11 या 21 कन्याओं को भोजन करवा सकती हैं।
इन चीजों का करें दान
शुक्र को मजबूत करने के लिए आप शुक्रवार को पीला कपड़ा, चावल, घी, चीनी, गुड, दूध व दही आदि का दान करके शुक्र ग्रह को मजबूत कर सकते हैं।
पहने हीरा
रत्नों के आधार पर देखा जाए तो कमजोर शुक्र वालों को हीरा पहनना चाहिए, लेकिन हीरा पहनने से पहले ज्योतिष की परामर्श जरूर ले लेनी चाहिए। वे हीरे का साइज किस उंगली में पहनना है वह तारीख समय की जानकारी के अनुसार ही आपको पहनने की अनुमति देंगे।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)