- आपने कई बार बड़े बुजुर्गों को सुबह उठकर हाथों की हथेलियां देखने के बारे में सुना होगा
- हिंदू धर्म के अनुसार माना जाता है कि मनुष्य की हथेलियों में भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और माता सरस्वती का वास होता है
- ऐसे में सुबह उठकर सबसे पहले हाथों की लकीरों को देखना बेहद शुभ माना जाता है
Saptarishi Ke Naam: हर व्यक्ति सुख शांति के लिए सुबह उठ कर सूर्य देव को अर्घ्य के साथ पूजा पाठ करता है। हिंदू धर्म के अनुसार सुबह उठकर देवी देवताओं के स्मरण व नाम लेने से पूरा दिन शुभ होता है। इसलिए व्यक्ति सुबह ऐसी चीजों का दर्शन करना चाहता है, जिसे देखकर उसका पूरा दिन अच्छा गुजरे। आपने कई बार बड़े बुजुर्गों को सुबह उठकर हाथों की हथेलियां देखने के बारे में सुना होगा। हिंदू धर्म के अनुसार माना जाता है कि मनुष्य की हथेलियों में भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और माता सरस्वती का वास होता है। ऐसे में सुबह उठकर सबसे पहले हाथों की लकीरों को देखना बेहद शुभ माना जाता है। इसी तरह धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सुबह उठकर सात ऋषियों का स्मरण करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है। आइए जानते हैं सप्तऋषि पूजन मंत्र के बारे में व नियम।
Also Read- Vastu Tips for Roti: रोटियां परोसते समय न करें ये गलतियां, रूठ जाती हैं माता लक्ष्मी
ये हैं सप्तऋषि
पहले ऋषि हैं कश्यप। दूसरे ऋषि हैं अत्रि। तीसरे ऋषि हैं भारद्वाज। चौथे ऋषि हैं विश्वामित्र। पांचवें ऋषि हैं गौतम। छठे ऋषि हैं जमदग्नि। सातवें ऋषि हैं वशिष्ठ हैं
सप्तऋषि पूजन का मंत्र
कश्यपोत्रिर्भरद्वाजो विश्वामित्रोथ गौतमः।
जमदग्निर्वसिष्ठश्च सप्तैते ऋषयः स्मृताः॥
दहन्तु पापं सर्व गृह्नन्त्वर्ध्यं नमो नमः'॥
इस मंत्र में कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि, वसिष्ठ ऋषियों के नाम बताए गए हैं। इनके नामों के जाप से सभी पाप कर्म नष्ट हो जाते हैं।
Also Read- Sunderkand Path: सुंदरकांड का पाठ करने से बनी रहती है हनुमान जी की विशेष कृपा, जानिए इसका महत्त्व
मंत्र का जाप करने के जानिए नियम
सप्तऋषि मंत्र लाभकारी होते है। नियमित रूप से इनका उच्चारण करने मात्र से ही सभी सातों ऋषियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह मंत्र सभी के लिए काफी फालदायी है। इन मंत्रों का उच्चारण करने के लिए घर की सफाई करमे के बाद स्नान करके घर के किसी स्वच्छ स्थान पर हल्दी रोली कुमकुम चन्दन आदि से चौकोर मण्डल बनायें और वहां सप्तऋषियों की स्थापना करें। अगरबत्ती धूप पुष्प अर्पित करें और जल से अधर्य दें फिर इन मंत्रों का जाप करें।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)