- शनि के बुरे प्रकोप से बची रहती हैं तीन राशियां
- शुभ ग्रह कि महादशा में भी शनि का नहीं पड़ता बुरा प्रभाव
- चंद्रमा की मजबूती से भी शिनदेव पड़ते हैं कमजोर
सुनकर आपको अजीब लग सकता है पर कुछ राशियों पर शनि की साढ़ेसाती का भी बुरा असर नहीं होता। यही नहीं शनि की कुदृष्टी होने के बाद भी कुछ जातकों को उसके पूरे बुरे परिणाम नहीं मिलते। ये सच है कि शनि हर किसी के लिए बुरे नहीं होते क्योंकि कुछ ग्रह-नशत्रों की दशा ऐसी होती है कि उन जातकों पर शनि का बुरा प्रभाव पड़ता ही नहीं।
शनि की टेढ़ी दृष्टी जातकों पर तब जातकों तक नहीं पहुंची जब उनके अपने ग्रह स्वामी या उन पर किसी शुभ ग्रह की दशा या महादशा चल रही हो। ऐसे में शनि का कुप्रभाव जातकों पर पूरा नहीं पड़ता। इतना ही नहीं जिन राशियों के स्वामी शनि होते हैं वहां भी शनि का प्रकोप हलका होता है। कुंडली में यदि जातक की दशा शुभ हो तो शनि की साढ़ेसाती भी बुरी न होकर फलदायी हो जाती है। ऐसी स्थित में जातक धन,मान-सम्मान और सुख पाते हैं। तो आइए जानते हैं कि शनि किन लोगों से नाराज नहीं होते।
शनि हर किसी को नहीं करते परेशान, जाने कौन हैं वो लोग
1. शनिदेव दो राशियों के राशिस्वामी होते हैं। मकर और कुंभ इन दो राशियों के स्वामी होने के कारण शनि के बुरे प्रकोप या साढ़े साती का बुरा प्रभाव नहीं पड़ पाता। वहीं तुला राशि में शनि उच्च के होते हैं ऐसे में शनि की साढेसाती , ढैय्या होने पर भी इन पर बुरा असर नहीं होता।
2. शनि का बुरा प्रकोप उन स्थितियों में भी नहीं होता जब शनि किसी जातक कि कुंडली में तीसरे, छठे, आठवें और बारहवें घर हो और उच्च का हो। ऐसी स्थितियों में भी शनि के बुरे प्रभाव जातक को नहीं मिल पाते।
3. जिन जातकों कि कुंडली में चद्रमा उच्च स्थान पर हो या मजबूत घर में बैठा वहां भी शनि के कुप्रभावों का असर नहीं पड़ता। ऐसे में अगर शनि कि साढ़े साती हो तो भी जातक को इसके बुरे प्रभाव नहीं मिलते बल्कि ऐसी स्थित में बेहतर परिणाम मिलता है।
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