- भारतीय मान्यताओं के अनुसार छींकना शुभ संकेत नहीं माना जाता
- प्राचीन समय से ही छींक आना अपशगुन से जुड़ा जाता गया है और वह मान्यता अभी भी प्रचलित है
- एक बार से ज्यादा बार छींका जाए तो यह शुभ माना जाता है
Types Of Sneezing based on Astro: भारतीय समाज में शगुन अपशकुन में काफी विश्वास रखा जाता है। जैसे किसी काम को करने से पहले छींकना या पीछे से ठोकना शुभ नहीं माना जाता है। इससे सबके मन में एक बात बैठ जाती है कि या काम अब पूरा नहीं हो पाएगा। आपने बड़े बुजुर्गों को हमेशा कहते सुना होगा कि किसी भी शुभ काम में छींकना नहीं चाहिए।
भारतीय मान्यताओं के अनुसार छींकना शुभ संकेत नहीं माना जाता। प्राचीन समय से ही छींक आना अपशगुन से जुड़ा जाता गया है और वह मान्यता अभी भी प्रचलित है। मेडिकल साइंस की बात करें तो यहां एक सामान्य क्रिया है। सर्दी जुखाम या अन्य रोग की वजह से भी बार बार छींक आ सकती है। लेकिन कई बार छींकना अपशकुन ही नहीं होता। कभी-कभी छींकना शुभ संकेत भी माना जाता है। आइए जानते हैं फिर से कौन सी छींक शुभ व कौन सी छींक अपशगुन मानी जाती है।
घर से निकलते समय कोई छींक दें तो यह अपशकुन माना जाता है, लेकिन अगर एक बार से ज्यादा बार छींका जाए तो यह शुभ माना जाता है। इसका मतलब हुआ कि काम आसानी से हो जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक अगर आप किसी रिश्तेदार या काम की वजह से जा रहे हों और तभी आपको बायीं तरफ से छींक की आवाज सुनाई दे तो इसका अर्थ है कि आपको अपनी यात्रा वहीं रोक देनी चाहिए।
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दवा लेते समय छींकना होता है शुभ
माना जाता है कि अगर आप भोजन कर रहे हैं और तभी छींक आ जाए तो वह अशुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार वहीं अगर कोई रोगी दवा ले रहा है और उसे तभी छींक आ जाए तो यह शुभ संकेत हैं। इसका अर्थ है कि वह जल्द स्वस्थ होने वाला है। इसके साथ ही अगर आप कहीं धार्मिक कार्यक्रम चल रहा हो और आपको छींक आ जाए या सुनाई तो इसका अर्थ है कि उस कार्यक्रम में कोई न कोई समस्या आ सकती है।
इस दिशा में छींकना होता है अशुभ
ज्योतिष शास्त्रों को मुताबिक अगर आपको आग्नेय कोण दिशा अर्थात दक्षिण और पूर्व के मध्य भाग से छींक की आवाज सुनाई दे तो यह अपशगुन होता है। अगर दक्षिण दिशा या नैऋत्य कोण अर्थात दक्षिण और पश्चिम दिशा से कोई छींक की आवाज सुनाई दे तो भी यह अशुभ माना जाता है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)