नई दिल्ली: ओम (ॐ) शब्द अपने आप में ही बड़ा प्रभावशाली शब्द है। इसके बिना ना तो कोई मंत्र पूरा होता है और ना ही कोई पूजा। इस शब्द में पूरा ब्रह्मांड समाया हुआ है। हिंदू धर्म के अनुसार अगर आप नियमित इस शब्द का उच्चारण करेंगे तो आपको ब्रह्मांड की शक्तियां प्राप्त हो जाएंगी। यही नहीं इसके जाप से आपके जीवन के सभी दुख और रोग दूर होगें।
वैज्ञान ने भी माना है कि इसे बोलने से इंसान को मानसिक तनाव से मुक्ती मिलती है और मन हमेशा शांत रहता है। लेकिन कई लोग मंत्र बोलते वक्त इस शब्द का सही से उच्चारण नहीं करते जिससे इसका सही लाभ नहीं मिल पाता।
ॐ शब्द को धर्म से न जोड़ कर साधना से जोड़ना चाहिये। अब चलिये जानते हैं ॐ का जाप करने के सही नियम क्या है होते हैं, जिससे इसका पूरा फल मिल सके।
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ॐ का जाप करने के लिये एक शांत स्थान का चुनाव करना चाहिये क्योंकि इससे जो ध्वनि निकलती है उसी से हमें तरह तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। आपकी जगह शोर शराबे से दूर और प्राकृति के करीब होनी चाहिये।
माना जाता है कि दिन के किसी भी समय में ऐसे ही जाप नहीं कर लेना चाहिये, बल्कि जब ईश्वरीय शक्ति अपने चरम पर हों तभी जाप करें। आपको अधिक लाभ पाने के लिये ॐ का जाप सुबह सुबह या फिर रात को सोने से पहले करें, जिससे आपको अच्छा फल मिले।
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ॐ शब्द को कभी धीरे नहीं बोलना चाहिये नहीं तो इसका कोई लाभ नहीं मिलेगा। इस शब्द जितना जोर आवाज में बोलेंगे यह उतना ही ज्यादा फलदाई होगा और मानसिक शांति प्रदान करेगा। इस शब्द को गहराई से उच्चारित करें।
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