- हिंदू शास्त्र के अनुसार भगवान विश्वकर्मा ने ही रावण की लंका, द्वारिका और इंद्रप्रस्थ का किया था निर्माण
- देवताओं की रक्षा के लिए भगवान विश्वकर्मा ने बनाया था अस्त्र-शस्त्र
- यहां देखें विश्वकर्मा जी की आरती हिंदी लिरिक्स के साथ
Vishwakarma Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi (ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु जय श्री विश्वकर्मा): हिंदू शास्त्र के अनुसार भगवान विश्वकर्मा (vishwakarma bhagwan) को सृष्टि के सृजन कर्ता कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार देवता गण स्वयं की रक्षा करने के लिए भगवान विश्वकर्मा से औजार बनाने की गुहार की थी। उनके कहने पर ही भगवान विश्वकर्मा (vishwakarma bhagwan aarti lyrics in hindi) ने अस्त्र-शस्त्र का निर्माण किया था। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार विश्वकर्मा पूजा के दिन ही भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था।
ऐसा कहा जाता है, कि भगवान विश्वकर्मा की भक्ति पूर्वक पूजा (aarti of vishwakarma ji ki in hindi) करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है और कारोबार में वृद्धि भी होती हैं। भारत में 17 सितंबर 2022 को विश्वकर्मा पूजा का पर्व धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। यदि आप भी विश्वकर्मा भगवान का विशेष आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो उनकी पूजा करने के बाद इस आरती (om jai shri vishwakarma aarti in hindi) को पूरी श्रद्धा के साथ पढ़ें। ऐसी मान्यता है कि आरती करने से भगवान विश्वकर्मा (vishwakarma bhagwan puja aarti) जल्द प्रसन्न होकर व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर देते हैं।
vishwakarma bhagwan ki aarti: om jai shri vishwakarma aarti in hindi
ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु जय श्री विश्वकर्मा।
सकल सृष्टि के कर्ता रक्षक श्रुति धर्मा ॥
आदि सृष्टि में विधि को, श्रुति उपदेश दिया।
शिल्प शस्त्र का जग में, ज्ञान विकास किया ॥
ऋषि अंगिरा ने तप से, शांति नही पाई।
ध्यान किया जब प्रभु का,सकल सिद्धि आई॥
रोग ग्रस्त राजा ने, जब आश्रय लीना।
संकट मोचन बनकर,दूर दुख कीना॥
जब रथकार दम्पती, तुमरी टेर करी।
सुनकर दीन प्रार्थना, विपत्ति हरी सगरी॥
एकानन चतुरानन, पंचानन राजे।
द्विभुज, चतुर्भुज, दशभुज, सकल रूप साजे॥
ध्यान धरे जब पद का, सकल सिद्धि आवे।
मन दुविधा मिट जावे, अटल शांति पावे॥
श्री विश्वकर्मा जी की आरती, जो कोई नर गावे।
कहत गजानन स्वामी, सुख सम्पत्ति पावे॥
इस दिन (vishwakarma jayanti 2022) लोग घर के सभी हथियार, औजार, मशीन या दुकान में मौजूद सामानों को साफ सुथरा करके पूरी श्रद्धा के साथ उनकी पूजा अर्चना करते हैं। कई जगहों पर इस तरह-तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।