नई दिल्ली: अगस्त का महीना ढेर सारे महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार लेकर आता है। इस अकेले एक महीने को त्योहारों का महीना भी कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस महीने अमावस्या तिथि भी पड़ रही है जो बेहद खास मानी जाती है। सावन की अमावस्या स्नान-दान आदि करने के लिए बेहद शुभ मानी जाती है।
इस आवस्या तिथि पर पितृ और उनसे जुड़े कर्मकांड किए जाने चाहिए क्योंकि इससे शुभ अवसर फिर कभी नहीं प्राप्त होगा। हमारे पितरों की आत्मा की शांति के लिए, सावन अमावस्या तिथि को शुभ माना जाता है। इस अमावस्या को हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है क्योंकि इसके ठीक 3 दिन बाद हरियाली तीज आती है।
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कब है सावन अमावस्या
इस माह सावन अमावस्या 11 अगस्त 2018, शनिवार को पड़ रही है। इसका आरंभ 10 अगस्त, 19:08 बजे से होगा और 11 अगस्त के दिन 15:27 बजे समाप्त होगा।
सावन अमावस्या पूजा विधि
इस अमावस्या पेड़-पौधों को नया जीवन प्राप्त होता है इसलिए सावन अमावस्या में पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है और इसके फेरे लगाए जाते हैं। इसके बाद पीपल के पेड़ को मालपुए का भोग लगाया जाता है।
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इस दिन कई लोग व्रत भी रखते हैं। पंडित को प्रसाद खिलाने के बाद वे लोग अपना व्रत तोड़ते हैं। इस दिन केवल एक समय ही खाया जाता है। इस दिन अनेक प्रकार के पौधों का वृक्षारोपण करना भी शुभ माना जाता है।
सावन अमावस्या को हरियराली अमावस्या भी कहा जाता है। माना जाता है कि वृक्षों में देवताओं का वास होता है। इस दिन गेंहू से लेकर मक्के तक कि बुआई की जाती है।
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