- हैजा से बचने के लिए शिरडी वासी भी क्वारंटाइन में थे
- साईं ने लोगों को शिरडी के बाहर जाने से मना किया था
- महामारी से बचने के लिए घर में रहने की सलाह काम आई
साईं के शरण में आने वाला भक्त कभी खाली हाथ नहीं जाता। एक बार शिरडी में महामारी फैल गई थी और लोग बीमारी से मरने लगे। तब साईं के पास पहुंचे भक्तों को साईं ने कुछ ऐसे ही बचाया था जैसे कि आज कोरोना वायरस से बचने के लिए कहा जा रहा है। लॉकडाउन की तरह साईं ने भी शिरडी के लोगों को भी घर में बंद रहने को कहा था और एक लकीर खींच दी थी ताकि बीमारी फैलने न पाएं। उस समय लोगों ने साईं की बात मानी और शिरडी महामारी से बच गई थी।
साईं ने लोगों को क्वारंटाइन में रहने को कहा था
बात उस समय की है जब शिरडी में एक बार हैजा महामारी दूसरे गांव से आने लगी थी। कई गांवों में लोग हैजा जैसी महामारी से दूसरे गावं में लाखों लोग मर चुके थे और जब शिरडी में भी हैजा आने का डर लोगों को सताने लगा तो लोग साईं के पास गए। तब साईं ने भी लोगों को घरों में रहने को कहा था साथ ही गांव की सीमा पर एक लकीर खींच दी थी।
खींची थी गांव में आटे से लकीर
बात करीब सौ साल पुरानी है। हैजा जैसी खतरनाक बीमारी से साईं ने शिरडी को एक अद्भुत तरीके से बचाया था। साईं के पास लोग पहुंचे और समस्या को बताया तो साईं ने चक्की में गेहूं पीसना शुरू कर दिया। ये देख कर लोग अचरज में पड़ गए। वहां पहुंची महिलाओं ने साईं से खुद गेहूं पीसने का काम ले लिया और उन्हें लगा ये आटा साईं प्रसाद स्वरूप बना रहे है। आटा पीसने के बाद साईं ने कहा कि ये आटा शिरडी की सीमा के चारो ओर लकीर के समान डाल दें। लकीर बनाने के बाद सारे लोग यहां आएं। जब लकीर बना कर लोग लौटे तो साईं ने कहा कि अब इस सीमा के पार से न कोई बाहर से आए और न कोई अंदर से जाए। साथ ही घर के अंदर कुछ दिन सभी लोग रहें। साईं की बात मान लोगों ने ऐसा ही किया और महामारी शिरडी में नहीं आने पाई।
साईं का प्रसाद मान करें नियम का पालन
महामारी से बचने के लिए ये प्राचीन लेकिन बेहद कारगर तरीका आज भी नियम से पालन करने से कोरोना वायरस जैसी बीमारी को आसानी से हराया जा सकेगा। तो साईं के इस प्रसाद रूपी नियम का पालन करें।