नई दिल्लीः हिंदुओं में बचपन से सभी को रामायण, गीता और महाभारत के बारे में बताया जाता है। घर हो या स्कूल आपको कहीं ना कहीं इनसे सीखने वाली बातें जरूर बताई जाती रही हैं। भारत में करोड़ों ऐसे घर आपको मिल जाएंगे जहां रामायण रखी और पढ़ी जाती है, गीता भी रखी जाती है और उसके उपदेशों के अनुसरण का प्रयास किया जाता है लेकिन 'महाभारत' को नहीं रखा जाता, आखिर क्यों? आइए जानते हैं इसकी वजह।
घर में क्यों नहीं रखी जाती महाभारत
श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता के उपदेश जिस युद्ध में दिए थे, वो 'महाभारत' का युद्ध ही था। आखिर ऐसे में गीता को घर में क्यों रखा जाता है और महाभारत को नहीं। दरअसल, कौरवों और पांडवों के बीच कुरुक्षेत्र में 18 दिन तक चले उस भयानक युद्ध में ना जाने कितनों की जान गई थीं। लेकिन सिर्फ युद्ध एक वजह नहीं था, बल्कि युद्ध किस वजह से हुआ था, ये एक बड़ा कारण था। एक ही परिवार के भाइयों के बीच युद्ध और परिवार में कलह उत्पन्न होना उस युद्ध की सच्चाई थी और आज बहुत से लोग ऐसा मानते हैं कि महाभारत को घर में रखने से पारिवारिक कलह और द्वेश की स्थिति पैदा हो सकती है।
क्या और कोई वजह भी है, महाभारत से भी मिलती है सीख
आमतौर पर धारणा यही है कि पारिवारिक कलह ना हो और घर में युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न ना हो इसीलिए महाभारत को घर में रखा नहीं जाता। लेकिन इसके पीछे कुछ अन्य विश्वास भी बताए जाते हैं। बेशक महाभारत को घर में नहीं रखा जाता लेकिन मान्याताएं कि उस कहानी से भी काफी कुछ सीखने को है। महाभारत को एक ऐसा संपूर्ण ग्रंथ माना जाता रहा है जिसमें सैन्य रणनीति, राजनीति, समाज को लेकर समझ, आचरण और नैतिक शिक्षा जैसी कई चीजें सीखी जा सकती हैं और सदियों से सीखी व सिखाई जा रही हैं।
महाभारत की कुछ खास बातें
महाभारत की रचना वेद व्यास ने की थी। बताया जाता है कि उन्हें इसको पूरा करने में 3 साल लगे थे। इसे भारत और जय नाम से भी जाना जाता रहा है। महाभारत में 1 लाख 10 हजार श्लोक हैं और ये विश्व का सबसे बड़ा महाकाव्य माना जाता है।