- 1,800 करोड़ की लागत से तैयार हुआ है यदाद्री लक्ष्मी-नृसिंह मंदिर
- 4,000 से अधिक मूर्तिकारों ने निर्माण में अपना योगदान दिया
- मंदिर में सीमेंट की जगह काला ग्रेनाइट का हुआ इस्तेमाल
Yadadri Temple: 1,800 करोड़ की लागत से तैयार हुआ यदाद्री लक्ष्मी-नृसिंह मंदिर भक्तों के लिए खोल दिया गया है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने यदाद्री में भगवान लक्ष्मी नृसिंह स्वामी के पुनर्निर्मित मंदिर का उद्घाटन किया। उन्होंने अपने मंत्रिमंडल और परिवार के सदस्यों के साथ मंदिर में विशेष पूजा अर्चना में भाग लिया। श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर हैदराबाद से करीब 80 किमी दूर है। इस मंदिर का पुनर्निर्माण साल 2016 में शुरू हुआ था और इसका परिसर 14.5 एकड़ में फैला हुआ है
सत्तारूढ़ टीआरएस की एमएलसी और मुख्यमंत्री केसीआर की बेटी के कविता ने कहा, 'यदाद्री में महा संरक्षण यज्ञ में भाग लिया और प्रार्थना की। सीएम केसीआर गारू ने मनमोहक आध्यात्मिक यात्रा और तीर्थ यात्रा के लिए दरवाजे खोल दिए हैं। यदाद्री दुनिया भर में आध्यात्मिक यात्रा और वास्तुशिल्प कार्यों का एक मील का पत्थर साबित होगा।''बता दें कि पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे।
4,000 से अधिक मूर्तिकारों का योगदान
मंदिर को काले ग्रेनाइट का उपयोग करके पुनर्निर्मित किया गया है। 4,000 से अधिक मूर्तिकारों ने मंदिर निर्माण कार्य में अपना योगदान दिया। इस मंदिर की लागत 1,800 करोड़ से अधिक है। यदाद्री मंदिर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष किशन राव ने बताया कि सीमेंट केवल 80-100 वर्षों तक रहता है, लेकिन हमने कुछ शोध किया और पाया कि यह (काला ग्रेनाइट) 500 साल तक चलेगा।
जड़ा है सोना
मंदिर के प्रवेश द्वार पीतल से बनाए गए हैं और इनमें सोना जड़ा गया है। मंदिर के एक विशेष द्वार पर 125 किलो सोना लगाया गया है। इस मंदिर का डिजाइन प्रसिद्ध फिल्म सेट डिजाइनर आनंद साई ने तैयार किया है।
यदाद्री दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर
मंदिर को इसकी स्थापत्य सुंदरता के लिए सराहा जा रहा है। यह मंदिर निर्माण की द्रविड़, पल्लव, काकतियान शैलियों का संलयन है। मंदिर का जमीनी क्षेत्र 11 एकड़ से बढ़ाकर 17 एकड़ कर दिया गया है। मंदिर के मुख्य वास्तुकार आनंद साई ने मीडिया को बताया कि यदाद्री दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर है, जिसे पूरी तरह से पत्थर से बनाया गया है। पहले से ही भारी भीड़ के साथ यदाद्री को तेलंगाना को वैश्विक आध्यात्मिक पर्यटन मानचित्र पर रखने की उम्मीद है।