- आज मनाया जा रहा है भाई दूज का पर्व।
- कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि पर मनाते हैं भाई दूज।
- भाई दूज पर भगवान यमराज और माता यमुना की पूजा का विधान।
Bhai Dooj 2021: भाई दूज का पर्व हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर पड़ता है। इस वर्ष, यह पर्व 06 नवंबर यानी आज मनाया जा रहा है। भाई दूज के पर्व को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। भाई दूज पर बहनें अपने भाई को घी का टीका लगाती हैं तथा उनकी लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना करती हैं। दूसरी ओर भाई अपनी बहनों को तोहफा देते हैं। यम द्वितीया पूजा विधान के अनुसार इस दिन यमराज और यमुना माता की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और नरक की यातनाओं से मुक्ति मिलती है। इस दिन यमराज जी की पूजा करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है। भाई दूज पर यमराज जी की पूजा करने के लिए यहां जानें आरती।
यमराज जी की आरती
धर्मराज कर सिद्ध काज प्रभु मैं शरणागत हूं तेरी।
पड़ी नाव मझधार भंवर में पार करो, न करो देरी।। धर्मराज...
धर्म लोक के तुम हो स्वामी श्री यमराज कहलाते हो।
जों जों प्राणी कर्म करत हैं तुम सब लिखते जाते हो।।
अंत समय में तुम सबको दूत भेज बुलवाते हो।
पाप पुण्य का सारा लेखा उनको बांच सुनाते हो।
भुगताते हो प्राणी को तुम लख चौरासी की फेरी। धर्मराज...
चित्रगुप्त हैं लेखक तुम्हारे फुर्ती से लिखने वाले ।
अलग अलग से सब जीवों का लेखा-जोखा लेने वाले।
पापी जन को पकड़ बुलाते नरको में ढाने वाले।
बुरे काम करने वालो को खूब सजा देने वाले।
कोई नहीं बच पाया न्याय नीति ऐसी तेरी।। धर्मराज...
दूत भयंकर तेरे स्वामी बड़े बड़े डर जाते हैं।
पापी जन तो जिन्हें देखते ही भय से थर्राते हैं।।
बांध गले में रस्सी वे पापी जन को ले जाते है
चाबुक मार लाते, जरा रहम नहीं मन में लाते हैं।। धर्मराज...
धर्मी जन को धर्मराज तुम खुद ही लेने आते हो।
सादर ले जाकर उनको तुम स्वर्ग धाम पहुंचाते हो।
जों जन पाप कपट से डरकर तेरी भक्ति करते हैं
नर्क यातना कभी ना करते, भवसागर तरते हैं।।
कपिल मोहन पर कृपा करिए जपती हूं मैं तेरी माला।।
धर्म राज कर सिद्ध काज प्रभु मैं शरनागत हूं तेरी।
पड़ी नाव मझधार भंवर में पार करो, न करो देरी।।