- साईं की पूजा में तन और मन का पवित्र होना जरूरी है
- साईं के व्रत में भूखा रहना मना है, फलाहार जरूर करें
- साईं का व्रत छूट जाए तो अगले गुरुवार को फिर से रख लें
साईं बाबा की पूजा बेहद सरल, सादगी और पवित्रता के साथ की जाती है। भगवान की पूजा में केवल पूजन सामग्री का ही पवित्र होने की जरूर नहीं है, बल्कि तन और मन की शुद्धि पर भी विशेष जोर दिया गया है। साईं की पूजा में मन और मस्तिष्क की सोच को पवित्र और निर्मल बनाने पर जोर दिया जाता है। तभी भगवान की पूजा का फल प्राप्त होता है। साईं भगवान की पूजा करते समय जो नियम बताए गए हैं वह कठिन नहीं हैं, लेकिन उनका पालन करना कठिन हो सकता है। तो आइए जानें की साईं की पूजा के क्या विशेष नियम हैं।
गुरुवार की साईं पूजा में इन नियमों का पालन करें-
1. साईं की पूजा और व्रत का पालन सच्चे मन और निर्मलता के साथ करना चाहिए। मन में भ्रम हो या किसी के कहने भर से व्रत या पूजा ना करें, जब तक खुद में श्रद्धा न हो।
2. साईं की पूजा करने वाले का मन शांत और किसी के बैर भाव से मुक्त होना चाहिए। किसी अप्रिय मनोकाना को लेकर कभी उनकी पूजा न करें।
3. साईं व्रत कोई भी कभी भी कर सकता है। साईं का व्रत और पूजा स्त्री-पुरुष बच्चे भी कर सकते हैं।
4. यदि आप साईं का व्रत रख रहे हैं तो व्रत कम से कम 5, 7, 11 या 21 गुरुवार जरूर करना चाहिए।
5. साईं भगवान के व्रत में भूखा रहना मना है। उनके व्रत में फलहार खाना जरूरी है। फलाहार मीठा, नमकीन कैसा भी हो सकता है। भगवान का विशेष प्रसाद खिचड़ी है।
6. गुरुवार को विधिपूर्वक व्रत रखने के लिए जरूरी नहीं कि आप मंदिर जाएं बल्कि अपने घर पर साईं का ध्यान कर भी व्रत रख सकते हैं।
7. व्रत किसी भी गुरुवार को बाबा की प्रतिमा या चित्र के समक्ष धूप या अगरबत्ती दिखा कर शुरू की जा सकती है।
8. अपनी मनोकामना साईं के समक्ष रखें और व्रत का प्रयोजन भी जरूर बताएं।
9. यदि किसी गुरुवार आप यात्रा पर हों या घर से बाहर हों तो उस दिन का व्रत छोड़ दें और अगले गुरुवार को व्रत दोबारा से प्रारंभ कर दें।
10. यदि किसी कारणवश किसी गुरुवार का व्रत संभव न हो तो जब भी दोबारा व्रत करें, वहीं से व्रत की गिनती शुरू करें। यानी व्रत का क्रम जहां से छूटा हो वहीं से जोड़ें।
11. मन्नत पूरी होने पर गुरुवार को व्रत का समापन करें और इसका विधिवत उद्यापन करना चाहिए। इस दिन गरीबों को भोजन कराना और पशु- पक्षियों को दाना जरूर खिलाना चाहिए।
साईंबाबा का व्रत इन 15 मनोकामना की पूर्ति के लिए किया जाता है
- पुत्र प्राप्ति
- कार्य सिद्धि
- वर प्राप्ति
- वधू प्राप्ति
- खोया धन मिले
- जमीन-जायदाद मिले
- धन मिले
- साईं दर्शन
- शांति
- शत्रु शांत हों
- व्यापार में वृद्धि
- परीक्षा में सफलता
- निसंतान को भी संतान प्राप्ति
- रोग निवारण
- कार्य सिद्धि एवं मनोकामना पूर्ति इत्यादि लाभ होते है
तो साईं का व्रत और पूजा करने के ये नियम आप भी पालन करें और उनके आशीर्वाद के पात्र बनें।