- 4500 वर्ग फीट में निर्मित है भगवान महावीर स्वामी का मंदिर
- मंदिर परिसर के कृत्रिम कैलाश पर्वत पर स्थापित है भगवान आदिनाथ की प्रतिमा।
- जिनवाणी मंदिर के प्रवेश द्वार पर स्थापित है कविवर दौलतराम की प्रतिमा।
नई दिल्ली. हाथरस जिले में स्थित तीर्थधाम मंगलायतन, जैन धर्म के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यह लगभग 16 एकड़ भूखंड में निर्मित है, इस मंगलायतन में 5 मुख्य चिनालय हैं, जिसमें मानव स्तंभ मंदिर, महावीर स्वामी मंदिर, बाहुबलि मंदिर और कृतिन कैलास पर्वत पर स्थित भगवान आदिनाथ मंदिर है।
तीर्थधाम मंगलायतन में प्रवेश द्वार को सिंह द्वार कहते हैं, यह प्रवेश द्वार 21 फीट ऊंची और लगभग 34 फीट की चौड़ाई में गुलाबी पत्थर से निर्मित है। इस द्वार से मंदिर परिसर शुरु हो जाता है। मंगलायतन में भगवान आदिनाथ को मुख्य देवता मूलनायक के रूप में दिखाया गया है।
तीर्थधाम परिसर में भगवान आदिनाथ के निर्माण भूमि के प्रतीक स्वरूप की एक एकड़ भूमि पर, 40 फीट ऊंचे कृतिम कैलाश पर्वत पर रचना की गई है। कृतिम पहाड़ियों के कैलाश पर्वत पर जाने लिए सीढ़ियों के साथ रैम्प मार्ग भी बनाया गया है।
मार्ग पर भगवान आदिनाथ जी के गर्भ कल्याण, जन्म कल्याण, राज्यभिषेक, वैराग्य और प्रथम पारंणा के दृश्य दर्शाए गए हैं। इस पर्वत पर भगवान आदिनाथ की लगभग 20 टन की भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है।
भगवान बाहुबलि मंदिर
तीर्थधाम मंगलायतन से दांई ओर स्थित है भगवान बाहुबलि स्वामी मंदिर, मंदिर में मूलनायक भगवान की 87 इंच ऊंची खड़ी हुई प्रतिमा कमल सिंहासन पर विराजमान है।
मूलनायक भगवान की प्रतिमा के एक ओर मुनिराज बाहुबलि स्वामी की प्रतिमा स्थित है और दूसरी ओर मुनिराज भरत स्वामी की प्रतिमा स्थापित है। मंदिर के दीवार पर भरत स्वामी और बाहुबलि के जीवन से जुड़े चित्रों को बनाया गया है। इस मंदिर को लेकर जैन धर्म की विशेष मान्यता है।
भगवान महावीर स्वामी मंदिर
तीर्थधाम परिसर के आदिनाथ मंदिर के बांई ओर भगवान महावीर स्वामी मंदिर स्थित है। यह लगभग 4500 हजार वर्ग फीट में निर्मित है। मंदिर में महावीर स्वामी की प्रतिमा श्वेत संगमरमर से निर्मित है।
महावीर स्वामी की प्रतिमा के दोनों ओर भगवान पाशुनाथ और भगवान शांतिनाथ की प्रतिमाएं स्थापित हैं। आपको बता दें वेदी पर स्वर्ण कला की गई है, जो अपने आप में दर्शनीय है।
भगवान महावीर स्वामी का यह मंदिर जैन धर्म के अनुयाइयों के लिए प्रमुख मंदिर है, यहा पर हर साल हजारों की संख्या में जैन धर्म को मानने वाले लोग आते हैं।
आदिनाथ स्वामी मानस्तंभ और जिनवाणी मंदिर
आपको बता दें जिनवाणी मंदिर के प्रवेश द्वार पर कविवर दौलतराम जी की 6 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित है। मंदिर में विपुल भंडार भी स्थित है।
आदिनाथ स्वामी मानस्तंभ जैन धर्म का प्रमुख आकर्षण केंद्र है।
यह स्थान जैन धर्म के अनुयाइयों के लिए विशेष है। यहां पर हजारों संख्या में जैन धर्म के अनुयायी इस स्तंभ के दर्शन के लिए आते हैं। यदि आप तीर्थधाम मंगलायतन के लिए जा रहे हैं तो इस स्तंभ को देखना ना भूलें।