- 350 साल पुराना है ये बिना सूंड वाला गणपति मंदिर
- नाहरगढ़ की पहाड़ी पर स्थित है गणपति मंदिर
- गणपति जी यहां अपने बाल रूप में विराजमान हैं
बिना सूंड वाले भगवान गणपति जी का यह एक मात्र मंदिर है। गणपति जी का ध्यान आते ही उनका स्वरूप जो नजर आता है, उससे इस मंदिर में विराजित प्रतिमा काफी भिन्न है। देशभर में गणपति भगवान के कई सिद्ध मंदिर हैं, लेकिन ये मंदिर अपने आप में एक अलग पहचान लिए हुए है, क्योंकि इस मंदिर में बिना सूंड वाले भगवान गणपति जी विराजमान हैं। जयपुर में स्थित ये मंदिर अति प्राचीन है और मान्यता है कि यहां जो भी मनौती मांगी जाती है वह गणपति जी जरूर पूरी करते हैं।
Jaipur ka Garh Mandir : नाहरगढ़ की पहाड़ी पर स्थित है यह मंदिर
जयपुर के नाहरगढ़ पहाड़ी पर स्थित गणपति जी का ये मंदिर गढ़ गणेश के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर करीब 350 साल पुरारा बताया जाता है और इस मंदिर में गणपति जी बाल रूप में विराजमान है और यही कारण है कि उनका ये स्वरूप बिना सूंड वाला है। नाहरगढ़ की पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर को महाराजा सवाई जयसिंह ने अश्वमेघ यज्ञ करने के बाद बनवाया था।
Jaipur ka Garh Mandir : मंदिर स्थापना के बाद बना था जयपुर शहर
मान्यता है कि गढ़ मंदिर की स्थापना के बाद ही जयपुर शहर को बसाया गया था। पहाड़ी पर बने इस मंदिर सेदेखा जा सकता है। यहां से जयपुर असल में नीले शहर के रूप में नजर आता है। बता दें कि इस मंदिर में गणपति जी की प्रतिमा को इस तरह से विराजित किया गया है कि उनका दर्शन दूरबीन से जयपुर के इंद्र पैलेस किया जा सकता है।
Jaipur ka Garh Mandir : एक साल में पूरा हुआ था सीढ़ियों का काम
मान्यता है कि इस मंदिर की सीढ़ियों को बनाने में एक साल लगे थे। एक सीढ़ी एक साल में बनाई गई थी। मंदिर में कुल 365 सीढ़ियां हैं। मंदिर के निर्माण के वक्त हर रोज एक सीढ़ी बनाई जाती थी, तब जा कर एक साल में सीढ़ियां बन सकीं थीं।
Jaipur ka Garh Mandir : मंदिर में शिव परिवार है विराजित
इस मंदिर केवल गणपति जी ही नहीं विराजित हैं बल्कि यहां पूरा शिव परिवार है। मंदिर के रास्ते में एक शिव मंदिर भी है, जिसमें पूरे शिव परिवार की तस्वीर रखी रखी गई है और पहले इस मंदिर में माथा टेक कर ही आगे बढ़ना होता है।
Jaipur ka Garh Mandir : चूहों के कान में कहनी होती है मनोकामना
इस मंदिर में गणपति जी से सीधे अपनी मनोकामना नहीं कही जाती, बल्कि मंदिर में स्थापित दो चूहों के कान में लोगों को अपनी मनोकामना बतानी होती है। कहते हैं कि चूहों के कान में कही गई इच्छा भगवान जरूर पूरी करते हैं।