- भारत में चार धाम से आप सभी परिचित हैं
- कंबोडिया में भी भगवान शिव की 180 फुट ऊंची मूर्ति स्थापित कर पांचवां धाम बनने जा रहा है
- यह धाम भारत की सीमा से बेहद दूर होगा
भारत में चार धाम से आप सभी परिचित हैं। खैर, अब कंबोडिया में पांचवा धाम बनाने का प्रस्ताव किया जा रहा है। चार धाम भारत में चार तीर्थ स्थलों का एक समूह है। हिंदू धर्म के अनुसार माना जाता है कि प्रत्येक हिंदू को जीवनकाल में चार धामों की यात्रा अवश्य करनी चाहिए।
वहीं, अब यह खबर आ रही है कि कंबोडिया में भी भगवान शिव की 180 फुट ऊंची मूर्ति स्थापित कर पांचवां धाम बनने जा रहा है। यह धाम भारत की सीमा से बेहद दूर होगा। इस बात की जानकारी देते हुए RSS के नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि पूर्वी एशिया में सनातन हिंदू संस्कृति और धर्म के प्रचार-प्रसार में कंबोडिया में बनने जा रहा धाम अहम भूमिका निभाएगा।
500 करोड़ की लागत से बनेगा पूरा धाम
कंबोडिया में मंदिर बनाने वाले ट्रस्ट के प्रमुख गुरुजी कुमारन स्वामी ने बताया कि धाम का निर्माण 500 करोड़ की लागत से होगा। पांचवे धाम में शिव की विशाल मूर्ति के साथ-साथ गणेश और बुद्ध की भी मूर्तियां लगेंगी। पांचवां धाम कंबोडिया के अंकोरवाट स्थित विश्व के सबसे बड़े विष्णु मंदिर से करीब 30 किलोमीटर दूर है।
97 फीसदी से अधिक आबादी बौद्धों की है
बता दें कि कंबोडिया में हिंदू धर्म की शुरुआत तब हुई जब फनन राज्य बना। कंबोडिया में दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर अंगकोर वाट भी स्थापित है। खमेर साम्राज्य का मुख्य धर्म हिंदू धर्म था, जिसके बाद बौद्ध धर्म को लोकप्रियता मिली। जिसकी वजह से यहां 97 फीसद से अधिक आबादी बौद्धों की है।
कुमारन स्वामी के अनुसार, यह धाम अंकोरवाट स्थित विश्व के सबसे बड़े विष्णु मंदिर से लगभग 30 किलोमीटर दूर है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि कंबोडिया में आने वाले टूरिस्ट शिव के नए धाम की यात्रा करेंगे। मंदिर बनाने वाले ट्रस्ट के प्रमुख गुरुजी कुमारन स्वामी ने बताया कि पांचवें धाम की आधारशिला रखी जा चुकी है और दुनियाभर से लोग यहां यात्रा करने के लिये आएंगे। वहीं, भारत के दिल्ली शहर से तीर्थयात्रियों का पहला जत्था 29 नवंबर को निकलने वाला है।
विदेश में भारतीय संस्कृति और धर्म के प्रसार के लिए बनी योजना
इंद्रेश कुमार ने बताया कि आ गया है कि भारतीय संस्कृति को एक धागे से जोड़ने का समय आ गया है। इससे संबंध मजबूत होते हैं और विश्वास बढ़ता है। इसलिए कंबोडिया में 500 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया है। ऐसी जगह को इस तरह से विकसित किया जाएगा कि मानसिक शांति से लेकर चिकित्सा तक सब कुछ यहां उपलब्ध होगा।