- मध्य प्रदेश के खरगौन में मौजूद है सूर्य मंदिर
- मकर संक्रांति पर देखने को मिलता है दुर्लभ नजारा
- सूर्यदेव की प्रतिमा पर सिर्फ एक ही पर्व को पड़ती हैं सुबह की पहली किरणें
14 फरवरी 2021 के पूरे देश में उत्साह और उमंग के साथ मकर संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है। इस त्यौहार का अपने आप में खास महत्व है और ज्योतिषीय रूप से इस दिन कुछ खास घटनाक्रम प्रकृति में होते हैं। मकर संक्रांति का सीधा संबंध सूर्य देव से कहा जाता है। इसी दिन सूरज उत्तरायणन से दक्षिणायन की ओर गति करते हैं और ऐसे में लोग अपने घरों में सूर्य देवता को अर्घ्य देकर, प्रणाम करते हुए उनकी पूजा करते हैं।
घर पर तो लोग सूर्य भगवान की पूजा करते ही हैं लेकिन इसके साथ ही देश में कुछ खास जगहों पर सूरज देवता को समर्पित कुछ मंदिर हैं। कोणार्क का सूर्य मंदिर ऐसा ही विश्व प्रसिद्ध मंदिर है लेकिन इसके अलावा और भी जगहों पर ऐसे ही मंदिर बने हुए हैं। इन्हीं में से एक है मध्यप्रदेश के खरगौन जिले का सूर्य मंदिर जहां मकर संक्रांति के दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगती है। इस मंदिर का नाम नवग्रह मंदिर है।
सूर्य प्रतिमा पर पड़ती हैं सुबह की पहली किरणें: मकर संक्रांति के अवसर पर मंदिर में दुर्लभ नजारा देखने को मिलता है और सिर्फ मकर संक्रांति के दिन ही यहां मौजूद प्रतिमा पर सुबह की पहली किरणें पड़ती हैं। नवग्रह मंदिर में वैसे तो सभी नवग्रहों की मूर्तियां विराजमान हैं लेकिन इसमें सूर्य की प्रतिमा प्रमुख है और इसे गर्भग्रह के बीच में स्थापित किया गया है। इसी के आसपास अन्य ग्रह स्थापित किए गए हैं।
मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति को सूर्य देव की कृपा मिलने से पूरे वर्ष अन्य ग्रहों के प्रभाव के भी सकारात्मक परिणाम मिलते हैं।
प्राचीन ज्योतिषीय सिद्धांतों पर हुई है रचना: खरगौन जिले के इस प्राचीन मंदिर की रचना ज्योतिष के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए की गई है। मंदिर में नवग्रह के अलावा ब्रह्मा, विष्णु स्वरूप, पंचमुखी महादेव, मां सरस्वती और श्रीराम के दर्शन भी किए जा सकते हैं।