- पांच किलोमीटर में होगा कल्पवास का घाट
- 13 पुलिस थाने और 38 अस्थाई चौकियां होंगी
- 185 सीसीटीवी कैमरे और 13 फायर स्टेशन लगेंगे
पौष पूर्णिमा 10 जनवरी को पड़ेगी और इसके बाद माघ मास का प्रारंभ हो जाएगा। इसी दिन से माघ मेला प्रयागराज में शुरू हो जाएगा। इसके लिए संगम किनारे कल्पवास की विशेष तैयारी हो गई हैं। एक माह तक चलने वाले इस पवित्र स्नान से न केवल इस लोक में सारे सुख की प्राप्ति होती है बल्कि परलोक में भी विशेष स्थान मिलता है। श्रद्धालुओं के लिए रेत किनारे टेंट आदि सज कर तैयार हो चुके हैं।
भोर में गंगा स्नान के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है। इस साल प्रयागराज माघ मेले में करीब 5 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए प्रशासन ने तमाम इंतजाम किए हैं। सुरक्षाबलों की व्यवस्था के साथ लाइट और साफ-सफाई की व्यवस्था पर भी विषेश ध्यान दिया गया है।
प्रयागराज में स्नान का धार्मिक महत्व
माघ स्नान से मोक्ष की प्राप्ति होती है। पुराणों में कहा गया है कि यदि कोई पूरे एक माह माघ पवित्र नदी में माघ स्नान कर ले तो वह जन्म-मरण के कालचक्र से मुक्त हो जाता है। यदि कोई पूरे माह स्नान नहीं भी कर पाता तो पूर्णिमा के दिन स्नान जरूर करें और दान करे। इससे उसके पाप भी धुल जाते हैं और मनोकामना भी पूरी होती है।
13 विशेष फायर स्टेशन बनाए गए
कल्पवास में हवन-यज्ञ आदि का आयोजन होता रहता है। ऐसे में आगजनी या किसी अन्य अनहोनी से बचाव के लिए प्रशासन ने13 विशेष प्रकार के फायर स्टेशन बनाए हैं। रात में भी प्रयागराज में स्थित कल्पवास जगमग रहे इसके लिए एलईडी लाइट के साथ ही करीब 50 हाईमास्क लगाए जा रहे हैं। करीब 185 सीसीटीवी कैमरे लगेंगे और सात नाइट विजन डिवाइस भी लगाए जाएंगे।
पांच किलोमीटर में फैला होगा कल्पवास
इस बार कल्पवास के लिए पांच किलोमीटर लंबा घाट बनाया जा रहा है। पूरे माह के आलवा सबसे ज्यादा भीड़ पूर्णिमा पर होती है। श्रद्धालुओं को स्नान के में दिक्कत न हो इसके लिए पांच किलोमीटर तक घाट बना गया है। प्रयागराज रेंज के डीआईजी केपी सिंह के अनुसार मेले में करीब 13 पुलिस थाने और 38 चौकियां होंगी और करीब 3500 पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। मेले में महिलाओं की सुरक्षा के लिए करीब 243 महिला पुलिसकर्मी भी रहेंगी। डीआईजी केपी सिंह के अनुसार पानी में करीब पांच किलोमीटर लंबी बैरिकेडिंग होगी, जिससे नावों का संचालन नियंत्रित होगा।