- हनमान जी की इन ऊंची प्रतिमा के दर्शन दूर से ही होते हैं
- विशालकाय प्रतिमा बनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही
- हनुमान जी के विशालकाय स्वरूप को ध्यान में रखकर प्रतिमा बनती है
दुनियाभर में हनुमानजी के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं और हर मंदिर की अपनी अलग विशेषता है। इन मंदिरों में भगवान के चमत्कार, मनोकामन पूर्ति और संकट दूर करने की अद्भुत शक्ति है। बजरंगबली संकटमोचन कहे जाते हैं और जब मन ही मन इन्हें याद किया जाता है तो इनका विशालकाय स्वरूप ही ध्यान आता है। आपको बता दें कि मन के स्वरूप के अनुसार देश के अंदर एक नहीं करीब दस मंदिर ऐसे हैं जिसमें भगवान की प्रतिमा विशाल स्वरूप में स्थापित की गई है। खास बात ये है कि ये प्रतिमाएं इतनी ऊंची हैं कि दूर से ही उनके पूरे स्वरूप का दर्शन होता है। आइए जाने देश के उन मंदिरों के बारे में जहां बजरंगबली अपने विशालकाय स्वरूप में स्थापित हैं।
भगवान हनुमान की विशाल प्रतिमा वाले हैं ये मंदिर
अमृतरसर का रामतीर्थ मंदिर के हनुमान
पंजाब के अमृतसर के रामतीर्थ मंदिर में हनुमान जी की विशाल प्रतिमा स्थापित है। ये प्रतिमा की ऊंचाई करीब 80 फीट है। बजरंगबली का ये मंदिर अमृतसर से 12 किलोमीटर दूर वाल्मिकी परिसर में स्थित है। माना जाता है कि ये स्थान वाल्मिकी जी का आश्रम था और यहां पर ही सीता जी अग्नि परिक्षा के बाद रुकी थीं और यहीं पर लव-कुश का जन्म भी हुआ था।
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा का हनुमान मंदिर
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के सिमरिया कलां में हनुमानजी का मंदिर है। इस मंदिर में भी हनुमान जी की विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है। यह प्रतिमा करीब 101 फीट ऊंची है। मान्यता है कि भगवान के इस विशाल स्वरूप के दर्शन से जीवन के संकट दूर हो जाते हैं।
महाराष्ट्र के नंदुरा गांव का हनुमान मंदिर
महाराष्ट्र के नंदुरा में हनुमानजी का मंदिर है और यहां करीब भगवान की 32 मीटर ऊंची प्रतिमा की स्थापना की गई है। कहते हैं कि ये दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची प्रतिमा है। बजरंगबली की प्रतिमा के साथ 30 फीट ऊंचा गदा भी है। यही नहीं भगवान का सीना लगभग 70 फीट का है। भगवान हनुमान का ये मंदिर महाराष्ट्र के नंदुरा में है जो बुलढाणा जिले में आता है।
करोलबाग स्थित हनुमान जी की प्रतिमा
दिल्ली के करोलबाग में हनुमान जी की प्रतिमा 108 फुट ऊंची है और खास बात ये है कि ये प्रतिमा स्वचालित प्रतिमा है। करोलबाग मेट्रो स्टेशन के पास मौजूद हनुमानजी की प्रतिमा की छाती के अंदर भगवान श्रीराम और माता सीता भी विराजमान हैं। इस प्रतिमा की स्थापना संत नागबाबा सेवागिरिजी ने कराया था। हनुमानजी की प्रतिमा और मंदिर का निर्माण 1994 से आरंभ करवाया, जो लगातार 13 वर्षों तक चलता रहा और 2 अप्रैल 2007 को पूरा हुआ।
जाखू हनुमान मंदिर
हिमाचल के शिमला में हनुमान जी की 33 मीटर ऊंची प्रतिमा स्थापित है। ये एशिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। शिमला के जाखू मंदिर में ये प्रतिमा करीब साढ़े 8 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित है। 2010 में एचसी नंदा न्यास की तरफ से इस प्रतिमा की स्थापना की गई थी।
वीरा अभया अंजनया हनुमान स्वामी
हनुमान जी की सबसे विशालकाय मूर्ति आंध्र प्रदेश में है जिसे वीरा अभया अंजनया हनुमान स्वामी के नाम से जाना जाता है। ये प्रतिमा 135 फीट ऊंची है। आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा के पास परितला में इस प्रतिमा की स्थापना 2003 में की गई थी।
विजयवाड़ा के हनुमान
आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के परिटाला शहर में भी हनुमान जी के मंदिर में उनकी करीब 135 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित है।
इंदौर के पितेृश्वर हनुमान
इंदौर के पितृ पर्वत पर स्थापित पितेृश्वर हनुमानजी की प्रतिमा 71 फुट की है। इस प्रतिमा का निर्माण सोना, चांदी, प्लेटिनम, पारा, एंटीमनी, जस्ता, सीसा और रांगा अर्थात अष्टधातु से गया है और ये करीब 108 टन की है। यह दुनिया की सबसे बड़ी धातु की प्रतिमा है।
आंध्रप्रदेश के श्रीकाकुलम में हनुमान जी की प्रतिमा
आंध्रप्रदेश के श्रीकाकुलम स्थित नरसन्नापेटा मंडल में बजरंबली की 175 फुट से भी ऊंची प्रतिमा है। इस प्रतिमा को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।
त्रिवेणी हनुमान मंदिर
फरीदाबाद-गुड़गांव रोड स्थित त्रिवेणी हनुमान मंदिर में 108 फुट ऊंची प्रतिमा है। इस मंदिर की प्रतिमा के दर्शन पास से करना मुश्किल होता है, क्योंकि ये बेहद ऊंची है।