महिलाओं के लिए अहोई अष्टमी का विशेष महत्व होता है । यह व्रत संतान प्राप्ति के लिए किया जाता है। अहोई अष्टमी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को पड़ती है। हर साल करवा चौथ के चार दिन बाद और दीवाली से आठ दिन पहले अहोमी अष्टमी का व्रत रखा जाता है। माना जाता है कि जिन लोगों की कोई संतान नहीं होती है, यह व्रत रखने से अहोई माता की कृपा से गोद हरी हो जाती है।
इस व्रत की यह विशेषता है कि माता अहोई की पूजा करने के बाद तारों की पूजा की जाती है और एक सुंदर, स्वस्थ और सुयोग्य संतान की कामना की जाती है। इसके अलावा अहोई अष्टमी का व्रत संतान की लंबी उम्र और सुख समृद्धि के लिए भी रखी जाती है। इस साल अहोई अष्टमी 21 अक्टूबर को है। माना जाता है कि इस दिन राशि के अनुसार उपाय करने से संतान प्राप्ति की इच्छा पूर्ण हो जाती है। आइये जानते हैं राशि के अनुसार क्या उपाय करें...
अहोई अष्टमी पर करें राशि के अनुसार पुत्र प्राप्ति के ये उपाय
मेष राशि
इस राशि की निःसंतान महिलाओं को अहोई अष्टमी का निर्जला व्रत रखकर अहोई माता को लाल फूल और भात अर्पित करना चाहिए। गुड़हल का फूल चढ़ाना शुभ होता है। ऐसा करने से संतान सुख प्राप्त होता है।
वृषभ राशि
वृषभ राशि की महिलाओं को इस दिन अहोई माता को घी में बने सूजी के हलवे का भोग लगाना चाहिए। यह उपाय करने से आंगन में जल्द ही किलकारियां गूंजने लगेंगी।
मिथुन राशि
इस राशि के जातकों को निर्जला व्रत रखकर भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा करनी चाहिए और अहोई माता को बिल्वपत्र अर्पित करनी चाहिए। लगातार पैंतालीस दिन तक यह उपाय करने से आपकी सूनी गोद हरी हो जाएगी।
कर्क राशि
कर्क राशि की महिलाओं को संतान प्राप्ति के लिए अहोई अष्टमी के दिन चांदी के नौ मोती लेकर उसकी माला बनाकर अहोई माता को अर्पित करने चाहिए। ऐसा करने से आपको निश्चित ही संतान की प्राप्ति हो जाएगी।
सिंह राशि
सिंह राशि की महिलाओं को इस दिन उपवास रखकर अहोई माता को पूरी और मीठे पुए बनाकर भोग लगाना चाहिए और गरीब बच्चों में प्रसाद बांटना चाहिए। यह उपाय करने से घर में किलकाली गूंजती है।
कन्या राशि
इस राशि की निःसंतान महिलाओं को निर्जला व्रत रखकर अहोई अष्टमी के दिन भगवान गणेश को दुर्वा अर्पित करना चाहिए। इसके बाद गौरी माता की सिंघाड़े से पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से संतान का योग बनता है और गोद हरी हो जाती है।
तुला राशि
इस राशि की महिलाओं को इस दिन अहोई माता को सफेद फूलों की माला पहनानी करनी चाहिए। ऐसा करने से अहोई माता प्रसन्न होती हैं और वांछित फल की प्राप्ति होती है।
वृश्चिक राशि
अहोई अष्टमी के दिन वृश्चिक राशि की महिलाओं को मां गौरी को श्रृंगार की सभी वस्तुएं अर्पित करनी चाहिए और सच्चे मन से संतान सुख की प्राप्ति के लिए कामना करनी चाहिए। माता की कृपा से सुंदर और सुयोग्य संतान की प्राप्ति होती है।
धनु राशि
इस राशि की महिलाओं को निर्जला उपवास रखकर अहोई माता को पीले फूलों की माला अर्पित करनी चाहिए। अहोई अष्टमी के दिन यह उपाय करने से संतान सुख प्राप्त होता है।
मकर राशि
इस राशि की महिलाओं को माता अहोई को मीठे पुओं को भोग लगाना चाहिए। इससे अहोई माता प्रसन्न होती हैं और आपके घर सुंदर संतान का जन्म होगा।
कुंभ राशि
इस राशि की निःसंतान महिलाओं को अहोई अष्टमी के दिन पूरे विधि विधान से अहोई माता की पूजा करने के बाद शाम को पीपल के पेड़ के नीचे दीया जलाकर उसकी परिक्रमा करनी चाहिए। ऐसा करने से संतान सुख मिलता है।
मीन राशि
मीन राशि की महिलाओं को इस दिन अहोई माता को चंदन का तिलक लगाकर विधिवत पूजा करनी चाहिए। इसके बाद पूरी श्रद्धा से अहोई माता से संतान सुख के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। यह उपाय करने से आपकी सूनी गोद भर जाएगी।
इसलिए संतान प्राप्त करने के लिए अहोई अष्टमी के दिन निर्जला व्रत रखकर अपनी राशि के अनुसार ही पूजा करनी चाहिए। इससे अहोई माता प्रसन्न होती हैं और आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।