- तुलसी की माला पहनने से बुध और गुरु बलवान होते हैं
- बुरी नजर के प्रभाव से तुलसी की माला बचाती है
- माला पहनने से कई बीमारियां भी दूर होती हैं
तुलसी की माला पहनने से मन और आत्मा दोनों ही पवित्र होती है और यही कारण है मानसिक शांति के लिए माला को धारण करने कि सलाह दी जाती है। इतना ही नहीं इस माला में औषधिय तत्व भी छुपे हैं। तुलसी की माला से मंत्र जाप या प्रभु का नाम जपना सबसे श्रेष्ठकर माना गया है।
तुलसी विष्णु जी को बहुत प्रिय है और इसी कारण इसे धारण करने वाले भगवान विष्णु भी प्रसन्न होते हैं। तुलसी कि माला धारण करने से व्यक्ति के नीच ग्रह या कमजोर ग्रह भी मजबूत होते हैं, लेकिन माला को पहनने के कुछ नियम ज्योतिष में निर्धारित हैं। यदि उस अनुसार माला न पहनी जाए तो उसके विपरीत प्रभाव देखने को मिलते हैं।
इन दो ग्रहों को तुलसी की माला करती है मजबूत
यदि आपकी कुंडली में बुध और गुरु दो ग्रह कमजोर हो तो आपको तुलसी की माला जरूर पहननी चाहिए। ये ग्रहों को बलवान कर सकरात्मक असर के लिए प्रेरित करती है। इतना ही नहीं माला पहनने वाले को बुरी नजर नहीं लगती। इस माला को पहनने से आत्मिक शक्ति मिलती है और भय-दुख दूर होते हैं।
तुलसी की माला पहनने के नियम
- तुलसी कि माला पहनने से पहले इसे गंगाजल से धोना जरूरी होता है।
- इसके बाद माला को धूप-दीप दिखाना चाहिए।
- भगवान श्रीहरि की स्तुति करने के बाद माला को पहनना श्रेष्ठकर होता है।
- जो लोग तुलसी की माला धारण करते हैं उन्हें लहसुन-प्याज जैसे तामसिक भोजन नहीं करने चाहिए।
- मांस व मदिरा का सेवन माला पहन कर कभी नहीं करना चाहिए। इससे माला का प्रभाव कम होता है और विपरीत परिणाम मिलते हैं।
तुलसी की माला का महत्व
तुलसी कि माला हमेशा लंबी पहननी चाहिए ताकि वह हृदय तक पहुंचे। इससे फेफड़े और हृदय रोग से बचाव होता है। साथ ही ये माला जब गले को छूती है तो इससे आवाज मधुर और सुरीली बनती है। इसे धारण करने वाले के स्वभाव में सात्त्विकता अपने आप अपने लगती है। ऐसी मान्यता है कि यदि मृत्यु के समय किसी के गले में तुलसी की माला का एक मनका भी मौजूद रहता है तो स्वर्ग ही मिलता है।
तो तुलसी कि माला को पहने और उसके नियमों को पालन कर अपने और अपने परिवार का भला करें।