- पृथ्वी का अस्तित्व भगवान सूर्य से है इसलिए उनकी पूजा करना माना जाता है बहुत अनुकूल।
- सूर्य देव की आराधना करने से भक्त हर एक समस्या से रहते हैं दूर, जीवन में मिलती है सफलता
- भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के लिए विधिवत तरीके से करनी चाहिए पूजा-आराधना
हिंदू मान्यताओं के अनुसार भगवान सूर्य को दिन पर राज करने वाला देवता कहा गया है। हिंदू धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि सूर्यदेव की उपासना करने से सभी कष्ट दूर होते हैं। हिंदू देवी-देवताओं में सूर्य देव को सबसे ऊपर रखा गया है। कहा जाता है कि सूर्य देव अपने भक्तों के लिए बहुत दयालु स्वभाव के होते हैं और उनकी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। सूर्य देव की वजह से पृथ्वी पर जीवन है इसीलिए उनकी पूजा-आराधना करना बहुत महत्वपूर्ण माना गया है।
कहा जाता है कि सूर्य देव अपने तेज से भक्तों को सुख प्रदान करते हैं। विधिवत तरीके से भगवान सूर्य की पूजा करने से वह अत्यंत प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा दृष्टि भक्तों पर बरसाते हैं। मान्यताओं के अनुसार भगवान सूर्यदेव अपने भक्तों के जीवन में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करते हैं। अगर किसी इंसान के जीवन में सफलता मिलने में बहुत देरी हो रही है या नई शुरुआत करने से पहले कोई ना कोई अड़चनें आ रही हैं तो उसे भगवान पूरे की पूजा जरूर करनी चाहिए।
यहां जानिए भगवान सूर्य की पूजा कैसे करें।
सूर्य पूजा की आवश्यक सामग्री: सूर्य देव की पूजा करते समय आपके पास चावल, कुमकुम, दीपक, लाल फूल, तांबे का लोटा और थाली जरूर होना चाहिए।
कब करें सूर्य देव की पूजा?
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए उगते हुए सूर्य की पूजा करनी चाहिए। कहा जाता है कि उगते हुए सूर्य की पूजा करने से सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं।
कैसे करें सूर्य देव की पूजा?
उगते सूर्य की पूजा करने के लिए सुबह स्नान आदि करके तांबे के लोटे में पानी लीजिए और तांबे की थाली में पूजा की आवश्यक सामग्री रखिए। पानी में एक चुटकी चंदन या फिर रोली मिलाना शुभ माना जाता है। अब पानी में लाल रंग का फूल डालिए और दीपक जलाकर भगवान सूर्य देव की पूजा कीजिए।
पूजा करते समय इस मंत्र का करें उच्चारण:
ज्ञानी पंडितों के मुताबिक सूर्य देव को जल अर्पित करते समय ॐ सूर्याय नमः मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। फिर सूर्याय नमः अर्घ समर्पयामि मंत्र का उच्चारण करते हुए पूरा जल समर्पित कर दीजिए।
जल अर्पित करते समय जल के बीच में से सूर्य की तरफ देखें। जल देने के बाद 7 बार प्रदक्षिणा कीजिए और सूर्य देव को प्रणाम कीजिए।