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मुख्य बातें
- मंगल दोष हो तो सुरमा लगाना चाहिए
- मांगलिक लोगों को भी सुरमा लगाना चाहिए
- सुरमा लगाना आंखों के लिए भी अच्छा है
लाल किताब में सुरमा के कई उपाय बताए गए हैं। सुरमा दो तरह का होता है। एक सफेद सुरमा और दूसरा काला सुरमा। काले सुरमे का प्रयोग काजल के रूप में होता है, लेकिन यहां बात सफेद सुरमे के फायदे की हो रही है।
हालांकि सफेद सुरमा लगाना आंखों में थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि ये आंखों में एक जलन सा महसूस कराता है, लेकिन इसे लगाना आंखों के लिए भी अच्छा माना गया है और लाल किताब में इसे लगाने से कई लाभ का भी जिक्र है।
सफेद सुरमे में छुपा है जीवन की कई समस्याओं का हल
- जिन लोगों की कुंडली में मंगल खराब हो या नीच स्थान पर बैठा अथवा जो मांगलिक हो, ऐसे लोगों को 43 दिनों तक सुरमा लगाना चाहिए। इसे मंगल के बुरे प्रभाव मिलने बंद हो जाते हैं और मंगल शुभ फल देने लगता है। यदि आप रोज सुरमा न लगा सकें तो कम से कम मंगलवार और शनिवार को जरूर लगाएं
- कुंडली में यदि मंगल सही न हो तो जातक के जीवन में कष्ट ही कष्ट होता है लेकिन मंगल यदि सही हो जाए तो शनि, राहु और केतु से मिलने वाले कष्ट भी खत्म हो जाते हैं। इसलिए ऐसे जातकों को आपनी आंखों में रोज सुरमा लगाना चाहिए, जिनसे मंगल कुपित हों।
- जिन जातकों का मंगल कमजोर होता है ऐसे लोगों को अपने खून को साफ रखने का प्रयास करना चाहिए। इसके लिए उन्हें गुड़ गरीबों को देना चाहिए।
- सफेद सुरमा लगाएं और लोगों को भी सुरमा लगाने के लिए जितना हो सकें बांटें।
- सुरमा लगाने के बाद हनुमान चालिसा का पाठ करना अपके मंगल दोष को खत्म कर देगा।
सुरमा लगाने से आंखों के सभी रोग दूर होते हैं और ये नजर से भी बचाता है।