- सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना कहा जाता है संक्रांति
- 14 मार्च 2021 के दिन पड़ रही है मीन संक्रांति, इस दिन शुभ कार्य करने से बचें
- मीन संक्रांति पर सूर्य देव को दें अर्घ्य और पवित्र नदियों में करें स्नान
उत्कृष्ट ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, जब भी सूर्य ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है या गोचर करता है तब इस समयावधि को संक्रांति कहते हैं। माना जाता है कि हर महीने सूर्य ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करता रहता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष सूर्य के गोचर के वजह से 12 संक्रांतियां मनाई जाती हैं। इस बार सूर्य ग्रह मेष राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेगा। मीन राशि अंतिम राशि मानी जाती है और मीन राशि में सूर्य के गोचर करने के वजह से इस समयावधि को मीन संक्रांति कहा जाता है।
हिंदू पंचांग के गणना के आधार पर मीन संक्रांति 14 मार्च 2021 को मनाई जा रही है। इसी के साथ 14 मार्च से लेकर 14 अप्रैल तक मलमास चलेगा जिसके वजह से इस समय काल में कुछ कार्य करना वर्जित माना गया है।
यहां जानें, मीन संक्रांति पर कौन से कार्य हैं वर्जित और किन कार्यों से रहेगा आपका दिन शुभ।
मीन संक्रांति का महत्व:
सौरवर्ष के अनुसार, मीन संक्रांति अंतिम माह की आखिरी संक्रांति मानी जाती है। इस वजह से यह समयावधि बहुत अनुकूल हो जाता है। इस समय काल में किए गए शुभ काम बहुत लाभदायक माने जाते हैं।
मीन संक्रांति पर यह कार्य करना माना गया है वर्जित:
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, जब भी सूर्य ग्रह धनु या मीन राशि में प्रवेश करता है तब वह धनु या मीन राशि कहलाती है। कहा जाता है कि इसी समय से मलमास शुरू हो जाता है जिसमें कुछ कार्य करने से बचना चाहिए। मलमास में किसी भी तरह के मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए। गृह प्रवेश, विवाह, नामकरण, कर्ण छेदन, उपनयन संस्कार, वास्तु पूजन, विद्या आरंभ और अन्न प्रशान जैसे कार्य वर्जित माने गए हैं। आपको 14 मार्च से लेकर 14 अप्रैल तक किसी भी मांगलिक कार्य को शुरू नहीं करना है।
मीन संक्रांति पर क्या करना चाहिए:
विद्वानों के अनुसार, मीन संक्रांति पर अपने आराध्य देवी या देवता की पूजा करना चाहिए। हर संक्रांति तिथि पर सूर्य देव को अर्घ्य जरूर देना चाहिए। मीन संक्रांति पर तिल, वस्त्र और अनाज का दान करना लाभदायक माना गया है। इस दिन गाय को चारा खिलाइए और पवित्र नदियों में स्नान कीजिए। बृहस्पति देव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मीन संक्रांति पर बृहस्पति का उपवास कीजिए। मलमास में गुरुवार के दिन मंदिरों में पीले वस्तुओं का दान करना शुभ माना जाता है।