- फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि मानी जाती है बेहद शुभ
- पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए इस दिन किए जाते हैं उपाय
- शनिश्चरी अमावस्या के दिन पितरों की पूजा के साथ करनी चाहिए शनिदेव की पूजा
Shani amavsya ke upay in Hindi: सनातन धर्म के अनुसार, अमावस्या तिथि बहुत लाभदायक मानी गई है लेकिन फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। इस बार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 13 मार्च को पड़ रही है। 13 मार्च के दिन शनिवार है इसके चलते यह अमावस्या तिथि शनिश्चरी अमावस्या कहलाएगी।
कहा जाता है कि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि अगर शनिवार के दिन पड़ती है तो इस दिन शनिदेव की पूजा करनी चाहिए। इस दिन पितरों की पूजा करना भी फायदेमंद बताया गया है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, शनिदेव की पूजा करने से साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिलती है इसके साथ पितृदोष से भी छुटकारा मिलता है। शनिदेव लोगों के कर्मों के हिसाब से फल प्रदान करते हैं, अच्छे कर्म करने वाले भक्तों पर शनिदेव अपनी कृपा दृष्टि बरसाते हैं वहीं कुकर्म करने वाले लोगों पर शनिदेव की दृष्टि अत्यंत पीड़ादायक होती है।
यहां जानें, फाल्गुन अमावस्या, शनिश्चरी अमावस्या या शनि अमावस्या का शुभ मुहूर्त और महत्व।
फाल्गुन अमावस्या तिथि: 13 मार्च 2021
अमावस्या तिथि की शुरुआत: 12 मार्च 2021, शुक्रवार (दोपहर 03:05 से लेकर)
अमावस्या तिथि समाप्त: 13 मार्च 2021, शनिवार (दोपहर 03:51 तक)
फाल्गुन अमावस्या या शनिश्चरी अमावस्या का महत्व
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को बेहद लाभदायक माना गया है। शनिवार के दिन अमावस्या पड़ने की वजह से यह तिथि और अनुकूल बन गई है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, शनिश्चरी अमावस्या पर शनिदेव की पूजा करने से जन्मपत्रिका में साढ़ेसाती, ढैय्या और काल सर्प योग जैसे शनि के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है। अच्छे कर्म करने वाले लोगों से शनिदेव प्रसन्न हो जाते हैं और उन्हें विशेष फल प्रदान करते हैं। वहीं बुरे कार्यों में लिप्त लोग शनिदेव की दृष्टि से बच नहीं पाते हैं। माना जाता है कि फाल्गुन अमावस्या पर अच्छे काम करने से जीवन सुखमय हो जाता है।