- मकर संक्रांति पर नदी में स्नान कर दान पुण्य करना बेहद पुण्य का काम माना गया है
- इस दिन खिचड़ी खाने का खास महत्व होता है इसलिए इसे खिचड़ी का पर्व भी कहते हैं
- इस दिन फसल नहीं काटनी चाहिए और न ही गाय या भैंस का दूध निकालने जैसा काम करना चाहिए
आज मकर संक्रांति का पावन पर्व है। इस दिन से सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं और खरमास समाप्त हो जाते हैं। आज से समस्त मांगलिक कार्य आरंभ हो जाते हैं। इसी दिन माता गंगा भगीरथ के पीछे चलकर गंगासागर में मिली थीं। भीष्म पितामह ने इसी दिन अपने शरीर का त्याग किया था। इस दिन खिचड़ी खाने का खास महत्व होता है इसलिए इसे खिचड़ी का पर्व भी कहते हैं। माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने से ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है और व्यक्ति के जीवन में परेशानियां कम आती हैं।
मकर संक्रांति पर नदी में स्नान कर दान पुण्य करना बेहद पुण्य का काम माना गया है। इस दिन नहा कर चावल, तिल और गुण को छू कर गरीबों या ब्राह्मण को दान करना विशेष फलदायी होता है। पुराणों के अनुसार आज के दिन कुछ काम करने से पुण्य की प्राप्ति होती है तो वहीं कुछ काम को करने से बचना चाहिये। आइये जानते हैं मकर संक्रांति के दिन क्या करें और क्या नहीं....
मकर संक्रांति पर जरूर करें ये काम
- तिल के तेल मिश्रित पानी से स्नान करें
- तिल का उबटन लगाएं
- तिल से होम करें
- तिल डालकर जल पीएं
- तिल से बने पदार्थ खाएं
- तिल का दान करें
मकर संक्रांति पर भूल कर भी ना करें ये काम
- मकर संक्रांति पर कुछ काम करने से रोका भी गया है। ये इस प्रकार हैं-
- इस दिन पुण्यकाल में दांत मांजने या बाल धोने से बचना चाहिए
- इस दिन फसल नहीं काटनी चाहिए और न ही गाय या भैंस का दूध निकालने जैसा काम करना चाहिए।
- इस पुण्य कार्य के दौरान किसी से भी कड़वे बोलना अच्छा नहीं माना गया है।
- साथ ही इस दौरान आपको इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि किसी भी वृक्ष को नहीं काटें।
- वहीं मांस और शराब के सेवन से भी इस दिन बचना चाहिए। खिचड़ी या सात्विक भोजन ग्रहण करें।
मकर संक्रांति सूर्य उपासना से जुड़ा पर्व है, ऐसे में सूर्य यंत्र की स्थापना और पूजा काफी फायदा दे सकती है।