- हिंदू धर्म में हर शुभ कार्यों में बनाया जाता है स्वास्तिक का चिन्ह
- शक्ति और शांति का प्रतीक माना जाता है स्वास्तिक
- जानें वास्तु शास्त्र में स्वास्तिक चिन्ह का क्या महत्व है
Swastic Sign Importance: हिंदू शास्त्र में स्वास्तिक का बहुत महत्व है। शास्त्र के अनुसार स्वास्तिक शक्ति और शांति का प्रतीक माना जाता हैं। हिंदू धर्म में किसी भी मांगलिक कार्य को शुरू करने से पहले स्वास्तिक का चिन्ह बनाना बेहद जरूरी होता है। ऐसी मान्यता है, कि स्वास्तिक का चिन्ह बनाने से सभी कार्य सही तरीके से पूर्ण हो जाते है। आपको बता दें स्वास्तिक का निशान संपन्नता का भी प्रतीक माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार सभी मनोकामना की पूर्ति के लिए भी भिन्न भिन्न प्रकार के स्वास्तिक बनाए जाते हैं। तो चलिए आज हम आपको स्वास्तिक का चिन्ह किन-किन जगहों पर बनाने से बिगड़े काम पूरे हो सकते हैं बताएं।
वास्तु के अनुसार कहां बनाएं स्वास्तिक चिन्ह
1. घर के मुख्य द्वार पर बनाएं स्वास्तिक
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाने से घर के वास्तु दोष हमेशा के लिए खत्म हो जाते हैं। यदि आप गेट पर अष्ट धातु या तांबे का स्वास्तिक लगाएं, तो घर की दरिद्रता भी हमेशा के लिए दूर हो सकती है।
Jau Ke Upay: जौ से करें ये चमत्कारी उपाय, बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा
2. तिजोरी पर बनाएं स्वास्तिक का निशान
वास्तु शास्त्र के अनुसार तिजोरी पर लाल स्वास्तिक का निशान बनाने से मां लक्ष्मी बेहद प्रसन्न होती है और कारोबार में वृद्धि होती है। यदि आप तिजोरी के अंदर लाल या पीले कपड़े में हल्दी और चावल बांधकर रखें, तो भी धन में वृद्धि हो सकती है।
3. आंगन में बनाएं स्वास्तिक का निशान
वास्तु के अनुसार आंगन के बीचों-बीच स्वास्तिक का निशान बनाने से घर की नकारात्मकता हमेशा के लिए दूर हो जाती है। ऐसा करने से धन, यश, पद, प्रतिष्ठा में वृद्धि होने के साथ-साथ स्वास्थ्य भी उत्तम रहता है।
घर में भगवान गणपति की प्रतिमा किस रंग व दिशा में होनी चाहिए
4. घर की देहरी पर बनाएं स्वास्तिक का निशान
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की देहरी के दोनों तरफ पीले रंग का स्वास्तिक बनाकर उस पर अक्षत रखकर पीला हल्दी या सुपारी रखने पर मां लक्ष्मी बेहद प्रसन्न होती है और घर पर उनकी विशेष कृपा सदैव बनी रहती है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)