- होली रंगों का पर्व है जो हर साल धूमधाम से मनाया जाता है।
- होली पर्व में लोग एक दूसरे को रंग-गुलाल लगाते हैं।
- 2021 में होली 29 मार्च यानी सोमवार को मनाई जाएगी।
नई दिल्ली: होली का त्यौहार रंगों का त्यौहार है जो प्रेम,भाईचारे और सौहार्द के रूप में मनाया जाता है। दरअसल होली रंगों का ऐसा पर्व है जो हर व्यक्ति को आपसी सौहार्द और भाईचारे का संदेश देता है। देश में हर साल होली फरवरी या मार्च के महीने में पंचांग की तिथि के मुताबिक मनाई जाती है। इस बार की होली यानी 2021 की होली मार्च के आखिरी हफ्ते में यानी 29 मार्च को मनाई जाएगी।
कब है 2021 में होली?
2021 में होली 29 मार्च को मनाई जाएगी। इस बार होली 29 मार्च की है और उससे एक दिन पहले यानी 28 मार्च को होलिका दहन है जिसमें होलिका का दहन किया जाता है। 29 मार्च को सोमवार का दिन है जिस दिन होली है। अमूमन होली से एक दिन पहले होलिका दहन होता है ।
होलिका दहन के लिए जरूरी होता है कि वह समय सबसे प्रथम वह भद्रा से मुक्त हो। भद्रा को विष्टि करण भी कहते हैं। एक करण तिथि के आधे भाग के बराबर होता है। सबसे प्रमुख सिद्धांत यह है कि पूर्णिमा प्रदोष काल व्यापिनी होनी चाहिए।
28 मार्च की सायंकाल 06 बजकर 38 मिनट से रात्रि 08 बजकर 58 मिनट तक है।
28 मार्च प्रातःकाल 03 बजकर 28 मिनट से व पूर्णिमा समाप्त 29 मार्च रात्रि 12 बजकर 16 मिनट पर।
इस होली में मंगल और शुक्र अनुकूल
होली पर्व में मुहूर्त के सिद्धांत होते हैं। पूर्णिमा प्रदोष व्यापिनी हो। होली में मुख्य गोचर शुक्र व मंगल का होता है। इस होली में बहुत वर्षों बाद होली में मंगल व शुक्र बेहद अनुकूल हैं।
इस वर्ष होलाष्टक के दिन चन्द्रमा मिथुन में एवं आद्रा नक्षत्र हैं। होली के दिन सबसे प्रमुख गोचर मंगल व राहु का वृष में है। गुरु व शनि मकर में हैं। केतु वृश्चिक में हैं। बुध कुम्भ में आ चुके हैं। मीन राशि मे सूर्य व शुक्र एक साथ विराजमान हैं। यह होली बहुत ही शुभ है। मीन में सूर्य का होना व मंगल का वृष में होना देश की आर्थिक व्यवस्था को मजबूत करता है।
ग्रहों की पंडित सुजीत जी महाराज के मुताबिक ग्रहों की चाल यह बताती है कि आर्थिक विकास खूब होगा। गुरु व सूर्य भारत को विश्व गुरु बनाएंगे। भारत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक बहुत शक्तिशाली राष्ट्र बन रहा है। भारत की सेना बहुत ही शक्तिशाली होगी। पड़ोसी देश इसकी शक्ति से भयभीत रहेंगे। मंगल का गोचर बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। मंगल बल, आत्मबल व सेना का प्रतीक है। मंगल का गोचर बहुत ही शुभ है।