- वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को कहा जाता है अक्षय तृतीया, दान-पुण्य के लिए मानी जाती है अनुकूल।
- अक्षय तृतीया पर बनता है अबूझ मुहूर्त, यह मुहूर्त बनाता है तृतीया के दिन को शुभ।
- गंगा स्नान से अक्षय तृतीया पर मिलती है पापों से मुक्ति, पितृ शांति के लिए किए जाते हैं धार्मिक कार्य।
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया कहा जाता है। सनातन धर्म में यह तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है और इस दिन अबूझ मुहूर्त का योग बनता है जो बहुत शुभ होता है। अक्षय तृतीया तिथि दान-पुण्य जैसे धार्मिक कार्य करने के लिए बेहद अनुकूल होती है और परंपराओं के अनुसार इस दिन सोना खरीदा जाता है।
इतना ही नहीं, अक्षय तृतीया पर सूर्य देव की पूजा की जाती है तथा पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया पर गंगा नदी में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। अक्षय तृतीया पर लोग कई शुभ कार्यों की शुरुआत करते हैं। कहा जाता है कि अक्षय तृतीया पर नई चीजों की शुरुआत करना काफी फलदायक होता है।
यहां जानें, 2021 में कब मनाई जाएगी अक्षय तृतीया और अक्षय तृतीया 2021 का शुभ मुहूर्त
- अक्षय तृतीया तिथि- 14 मई 2021
- तृतीया तिथि प्रारंभ- 14 मई 2021 (सुबह 05: 38
- तृतीया तिथि समाप्त- 15 मई 2021 (सुबह 07:59)
अक्षय तृतीया का महत्व
अक्षय तृतीया परम पुण्यदाई तिथि है, यह तिथि स्नान, जप, तप, यज्ञ और पितृ-तर्पण के लिए बहुत अनुकूल मानी जाती है। कहा जाता है कि जो इंसान इस दिन धार्मिक कार्य करता है उसे पुण्यफल की प्राप्ति होती है। अक्षय तृतीया की तिथि इतनी शुभ मानी जाती है कि इस दिन शादी-ब्याह जैसे शुभ कार्य किए जाते हैं। मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया पर गंगा स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन सोना खरीदना भी बहुत फायदेमंद माना जाता है।