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Chaitra purnima 2021: कब है हिंदू नववर्ष की पहली पूर्णिमा तिथि, चैत्र पूर्णिमा 2021 पर आएगी हनुमान जयंती

Updated Apr 21, 2021 | 19:48 IST

सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि बेहद विशेष मानी जाती है। हिंदू नववर्ष की पहली पूर्णिमा तिथि चैत्र के मास में पड़ती है जिसे चैत्र पूर्णिमा कहा जाता है। जानें कि इस वर्ष चैत्र पूर्णिमा कब मनाई जाएगी।

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मुख्य बातें
  • चैत्र मास में हिंदू नववर्ष की पहली पूर्णिमा तिथि पड़ती है जिसे चैत्र पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है।
  • चैत्र पूर्णिमा अक्सर उगादी और गुड़ी पड़वा पर्वों के बाद पड़ती है, इस दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाती है।
  • चैत्र पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की पूजा करने का विधान है, इस दिन हनुमान जी की आराधना भी होती है।

सनातन धर्म में सभी पूर्णिमा तिथि बहुत शुभ मानी जाती हैं। पूर्णिमा तिथि पर सनातन धर्म में विश्वास रखने वाले लोग नई शुरूआत करते हैं। इस दिन लोग अपने घरों में नए सामान लाते हैं या अपने व्यवसाय या दुकान की नींव रखते हैं। पूर्णिमा तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान करना भी बेहद लाभदायक माना जाता है। हिंदू नववर्ष की पहली पूर्णिमा तिथि चैत्र मास में पड़ती है। इसे चैत्र पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है, वहीं, चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाती है। 

ऐसा कहा जाता है कि चैत्र पूर्णिमा पर भगवान हनुमान का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन भगवान हनुमान का जन्मोत्सव मनाया जाता है। चैत्र पूर्णिमा को चैत्र पूनम या चैत्र पूर्णिमासी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के सत्यनारायण रूप की पूजा की जाती है तथा सतनारायण व्रत रखा जाता है। कुल परंपरा के अनुसार कई लोग पूर्णिमा तिथि पर व्रत करते हैं।

यहां जानें, इस वर्ष चैत्र पूर्णिमा और हनुमान जयंती कब है।

पूर्णिमा तिथि और मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि: - 27 अप्रैल 2021, मंगलवार

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: - 26 अप्रैल 2021, सोमवार (दोपहर 12:44)

पूर्णिमा तिथि समाप्त: - 27 अप्रैल 2021, मंगलवार (सुबह 09:01)

चैत्र पूर्णिमा का महत्व

चैत्र पूर्णिमा तिथि बेहद विशेष मानी जाती है क्योंकि यह पूर्णिमा तिथि हिंदू नववर्ष के पहले मास में पड़ती है और पहली पूर्णिमा मानी जाती है। इतना ही नहीं, इस दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाती है जिसके वजह से इस तिथि का महत्व और बढ़ जाता है। ऐसा कहा जाता है कि चैत्र पूर्णिमा तिथि पर ही भगवान श्री कृष्ण ने ब्रज में रास उत्सव मनाया था। इस रास उत्सव को महारास कहा गया था। जो व्यक्ति चैत्र पूर्णिमा पर भगवान विष्णु की पूजा करता है तथा व्रत रखता है उसे सुख-शांति की प्राप्ति होती है।

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