- 2020 में 14 नवंबर को ही हैं छोटी व बड़ी दीपावली
- दीपावली के दिन गुरु अपनी राशि धनु में रहेंगे
- दिवाली पूजन स्थिर लग्न वृष व सिंह में ही करना चाहिए
कार्तिक मास की त्रयोदशी से चित्रगुप्त पूजा तक दीपावली का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष कार्तिक मास की त्रयोदशी 13 नवम्बर को है। छोटी तथा बड़ी दीपावली 14 नवम्बर को है। 15 को गोवर्धन पूजा तथा तथा 16 नवम्बर को कायस्थों का एक बड़ा पर्व कलम दवात पूजा व उनके आराध्य भगवान चित्रगुप्त जी की पूजा के साथ भैया दूज का भी महापर्व आ रहा है।
Diwali 2020 Dates : देखें तिथि स्पष्टीकरण
कार्तिक मास की अमावस्या 14 नवम्बर को पड़ेगी। 14 नवम्बर को 02 बजकर 19 मिनट तक नरक चतुर्दशी तिथि रहेगी, उसके बाद अमावस्या तिथि प्रारम्भ हो जाएगी।
अमावस्या 14 नवम्बर से आरम्भ होकर 02:19 दोपहर से15 नवम्बर को 10बजकर 35 मिनट तक रहेगी। दीपावली अमावस्या तिथि की रात्रि व लक्ष्मी पूजन अमावस्या की सायंकाल होता है।
दीपावली में लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त (Diwali 2020 Laxmi Puja Muhurat)
दीवाली पूजन स्थिर लग्न वृष व सिंह में ही करना चाहिए।
- 14 नवम्बर सायंकाल 05 बजकर 30 मिनट से सायंकाल 07 बजकर 22 मिनट तक। प्रदोष काल 14 नवंबर को सायंकाल 05:32 से रात्रि 08:33 तक रहेगा।
- वृष लग्न बहुत ही शुभ है। वृषभ काल 14 नवम्बर को सायंकाल05:29 से रात्रि 07:23 तक है। सिंह लग्न रात्रि 12 से रात्रि 032 बजकर 20 मिनट तक है।
बहुत वर्षों बाद बन रहा है शुभ मुहूर्त (Diwali 2020 Muhurat Sanjog)
इस वर्ष कई वर्षों बाद दीपावली के दिन गुरु अपनी राशि धनु में रहेंगे वहीं शनि भी अपनी राशि मकर में गोचर करेंगे जो उनकी अपनी राशि है। शुक्र बुध की राशि कन्या में रहेंगे। बताया जा रहा है कि ऐसा शुभ संयोग पिछली बार साल 1521 यानी 499 वर्ष पहले आया था।
गुरु की शुभता लाभप्रद है। दीवाली में शनि का स्वराशिस्थ होना भारत को विश्व में एक मजबूत देश के रूप में स्थापित करेगा व आर्थिक उन्नति होगी। शुक्र व्यवसाय व फिल्म तथा फाइनेन्स का कारक ग्रह है। यह दीवाली भारतीय फिल्म जगत के लिए बहुत ही शुभ होगी। गुरु का धनु में होना भी एक चमत्कार होगा। यह दीपावली देश के लिए बहुत ही मंगलकारी है।