- सिंधी हिंदुओं के उपास्य देव हैं झूलेलाल, जयंती पर होता है उत्सव का आयोजन।
- चीटी चंद के नाम से भी जानी जाती है झूलेलाल जयंती, हुआ था संत झूलेलाल का जन्म।
- सनातन धर्म के देवता वरुण देव के अवतार माने जाते हैं संत झूलेलाल।
मुंबई: सिंधी समुदाय के लोगों के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक झूलेलाल जयंती है। झूलेलाल जयंती पर सिंधी समुदाय के लोग झूलेलाल मंदिरों में जाते हैं और श्रद्धा भाव के साथ उनकी पूजा करते हैं। संत झूलेलाल को लाल साईं, उदेरो लाल, वरुण देव, दरियालाल और जिंदा पीर भी कहा जाता है। सिंधी हिंदुओं के लिए संत झूलेलाल उनके उपास्य देव हैं। इस त्यौहार को चीटी चंड भी कहा जाता है।
मान्यताओं के अनुसार संत झूलेलाल वरुण देव के अवतार माने जाते हैं। सिंधी हिंदुओं के लिए झूलेलाल झूलेलाल का मंत्र बिगुल माना जाता है। चंद्र-सौर हिंदू पंचांग के अनुसार, झूलेलाल जयंती की तिथि वर्ष और चेत के सिंधी महीने की पहली तिथि मानी जाती है।
यहां जानें, इस वर्ष कब मनाई जाएगी झूलेलाल जयंती और क्या है इसका महत्व।
झूलेलाल जयंती तिथि और मुहूर्त (Jhulelal Jayanti Tithi and Muhurat)
झूलेलाल जयंती तिथि- 13 अप्रैल 2021, मंगलवार
प्रतिपदा तिथि प्रारंभ- 12 अप्रैल 2021 (08:05)
प्रतिपदा तिथि समाप्त- 13 अप्रैल 2021 (10:20)
झूलेलाल जयंती का महत्व (Significance of Jhulelal Jayanti):
सिंधी समुदाय के लोगों के लिए यह तिथि बेहद शुभ मानी जाती है क्योंकि इस दिन से सिंधी हिंदुओं का नया साल प्रारंभ होता है। हर नया महीना सिंधी हिंदुओं के पंचांग के अनुसार नए चांद के साथ प्रारंभ होता है इसलिए इस विशेष दिन को चेटी चंद भी कहा जाता है।
यह तिथि मार्च के अंतिम दिनों में या अप्रैल के शुरुआती दिनों में ग्रेगोरियन पंचांग के अनुसार पड़ती है। गुड़ी पड़वा और उगादी के साथ यह तिथि भी मनाई जाती है। सिंधी हिंदुओं के लिए यह दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।