- नागपंचमी के दिन 108 चांदी के नाग-नागिन बहते जल में छोड़ें
- विष्णु सहस्रनाम के साथ पूर्वजों की पूजा करें
- नागपंचमी के दिन नागराज की पांच-सिर वाली मूर्ति लाएं
नागपंचमी का दिन काल सर्प दोष से मुक्ति के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। काल सर्प दोष को ज्योतिष में सबसे अधिक डरावने संयोजनों में से एक माना गया है, क्योंकि ये मनुष्य के जीवन में अत्यंत दुख और दुर्भाग्य लाता है। काल सर्प योग कुंडली में तब बनता है जब शनि, बृहस्पति, सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध और शुक्र सहित सभी सात प्रमुख ग्रह दो छाया ग्रहों राहु और केतु के बीच आते हैं। वैदिक ज्योतिष में माना गया है कि राहु सर्प के सिर का प्रतिनिधित्व करता है और केतु सर्प की पूंछ का। यदि कुंडली में इस योग का अंश मात्र भी हो तो मनुष्य का जीवन बेहद कष्टप्रद हो जाता है, लेकिन इसके प्रभाव को कम करने और इससे मुक्ति पाने के उपाय भी ज्योतिष में बताए गए हैं। इसके लिए नागपंचमी के दिन ही उपाय करने चाहिए।
जन्म कुंडली में जानें काल सर्प योग के 11 प्रकार
जन्म कुंडली में राहु और केतु की स्थिति के आधार पर 11 प्रकार के काल सर्प योग होते हैं। अनंत काल सर्प दोष
- कुलिक काल सर्प दोष
- वासुकि काल सर्प दोष
- शंखपाल काल सर्प दोष
- पदम काल सर्प दोष
- महापदम काल सर्प दोष
- तक्षक काल सर्प दोष
- कर्कोटक काल सर्प दोष
- शंखनाद काल सर्प दोष
- घटक काल सर्प दोष
- विशद काल सर्प दोष
- शेषनाग काल सर्प दोष
काल सर्प दोष से मुक्ति के लिए करें ये काम
नाग देवता से प्रार्थना करें
हर रविवार को विशेष रूप से पंचमी तीथि पर नागराज और अन्य नाग देवताओं की पूजा करनी चाहिए। और उनसे प्रार्थना करें कि उनके ऊपर से अपने दोष को हटा लें। नाग पंचमी के दिन नागदेवता की पूजा करें और व्रत कर दोषमुक्त की प्रार्थना करें।
‘ओम नमः शिवाय’ का जाप करें
काल सर्प दोष से मुक्ति के लिए नागपंचमी के दिन ही नहीं रह दिन पंचाक्षर मंत्र या “ओम नमः शिवाय”, इनका दिन में कम से कम 108 बार जप करना चाहिए। यह सबसे कारगर उपाय होने के साथ आसान और सरल भी है।
पूर्वजों की पूजा करें
काल सर्प दोष से मुक्ति के लिए रामेश्वरम जा कर पूर्वजों को पूजा करें और उनसे इस दोष से मुक्ति के लिए प्रार्थना करें। इससे पितृ श्राप समाप्त हो जाता है। साथ ही उज्जैन में महाकालेश्वर के दर्शन करना, आंध्र प्रदेश में कालाहस्ती, नासिक (महाराष्ट्र) में त्रयंबकेश्वर और भगवान शिव की पूजा करने से इस दोष के नकारात्मक प्रभावों को काफी हद तक दूर किया जा सकता है।
महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करें
नागपंचमी के दिन कम से कम 108 बार महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करने से काल सर्प दोष के प्रतिकूल प्रभाव को कम किया जा सकता है। दोष से प्रभावित मनुष्य को वैसे हर दिन इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
भगवान शिव की पूजा करें
भगवान शिव की पूजा-प्रार्थना करने से काल सर्प दोष के प्रभाव कम होते हैं। प्रत्येक सोमवार को दूध, फूल, बिल्व पत्र, फल और बेर चढ़ाकर मंदिर में शिव पूजा करें।
नाग पंचमी पर उपवास करें
नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा के साथ इस दिन व्रत का पालन करें और हाथ में एक अगेट (रत्न) लेकर 108 बार राहु के बीज मंत्र का पाठ करें।
काल सर्प दोष निवारण पूजा
नाग पंचमी के दिन काल सर्प दोष पूजा के लिए भगवान शिव को समर्पित मंदिरों विशेषकर कालाहस्ती और त्रयंबकेश्वर मंदिर जा कर पूजा करें।
काल सर्प दोष के सबसे कारगर उपाय
- शनिवार या पंचमी तिथि को 11 नारियल बहते जल या किसी नदी में अर्पित करें। ऐसा हर शनिवार या पंचमी के दिन करें।
- एक नदी में चांदी के बने नाग और नागिन के 108 जोड़े को नदी में बहा दें।
- घर में कुत्ता पालें। इससे भगवान बटुक भैरव प्रसन्न होंगे और आपका काल सर्प दोष प्रभाव कम होगा।
- विष्णु सहस्रनाम का जाप यथा संभव जितना हो सके रोज करें।
- हरिद्वार स्थित मनसा देवी का दर्शन कर उनकी पूजा करें और वहां कालसर्प दोष निवारण कराएं।
- नागपंचमी के दिन नागराज की पांच-सिर वाली मूर्ति लाएं। यह चांदी की हो तो सबसे बेहतर होगी। प्रतिदिन चावल को हल्दी के साथ मिलाकर इनकी पूजा करें।
नागपंचमी के दिन के साथ अन्य दिन भी ये उपाय करते रहने से कालसर्प दोष से आसानी से मुक्ति मिल जाती है।