- इस पर्व पर लक्ष्मी गणेश पूजन शुभ मुहूर्त में ही किया जाता है
- दीपावली पूजन वृष लग्न में करना चाहिए
- पूजा बिना दीपक जलाए पूरी नहीं मानी जाती है
Diwali Lakshmi Puja Muhurat: दीपावली हिंदुओं का प्रमुख पर्व है। ये त्योहार बहुत ही श्रद्धा पूर्वक धूमधाम से मनाया जाता है। इसलिए इस पर्व पर लक्ष्मी गणेश पूजन शुभ मुहूर्त में ही किया जाता है। ज्योतिषाचार्य सुजीत जी महाराज के अनुसार दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन शुभ मुहूर्त और स्थिर लग्न में करना चाहिए। दीपावली पूजन वृष लग्न में करना चाहिए तथा व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, दुकान ,फैक्ट्री इत्यादि में सिंह लग्न में पूजा करना उचित रहता है।
दीपावली पूजन का शुभ मुहूर्त-
- वृष लग्न शुभ मुहूर्त-सायंकाल 06 बजकर 42 मिनट से रात्रि 08 बजकर 40 मिनट तक
- सिंह लग्न मुहूर्त-रात्रि 01 बजकर 15 मिनट से 03 बजकर 33 मिनट तक
यदि आप इन दो मुहूर्तों में पूजन नहीं कर पाते तो निम्न मुहूर्त बहुत ही अच्छे तथा शुभ हैं-
- प्रदोष काल मुहूर्त-सायंकाल 05 बजकर 39 मिनट से रात्रि 8 बजकर 15 मिनट तक
- महानिशीथ काल मुहूर्त जिसका समय है रात्रि 11 बजकर 40 मिनट से12 बजकर 29 मिनट तक
दीपावली पूजन का शुभ मुहूर्त, विधि (Diwali 2019 Laxmi Puja Muhurat, Vidhi)
- प्रदोषकाल में दिवाली पूजन का विधान है। पूजा शुरू करने से पहले सभी सामग्री एक जगह रख लें।
- एक चौकी लें और उस पर आटें की मदद से नवग्रह बनाएं।
- स्टील का एक कलश लें, उसमें दूध, दही, शहद, गंगाजल, लौंग भरकर उस पर लाल कपड़ा बांध दें। फिर उस पर कलश रखें।
- नवग्रह यंत्र पर चांदी का सिक्का रख दें और लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा स्थापित करें।
- देवी देवता को गंगाजल से नहलाएं। उसके बाद भगवान की बाईं ओर देसी घी का दीपक जलाएं।
- उसके बाद उन्हें फूल, इत्र, अक्षत, मिठाई और जल चढ़ाएं।
- इसके बाद 11 या 21 सरसों के तेल के दीपक जलाएं। घी के 1, 5 या 7 दीपक रखें।
- माता लक्ष्मी को श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें। हाथ में फूल और अक्षत लेकर सभी देवी-देवताओं का ध्यान करें।
- मां लक्ष्मी, भगवान गणेश, श्री कृष्ण और राम दरबार की विधि विधान पूजा करने के बाद उनकी आरती उतार कर प्रसाद चढ़ाएं और जलाएं गए दीपकों को घर के सभी स्थानों के कोनों पर रख दें।
दीपावली की रात्रि में सोना नहीं चाहिए। पूरी रात्रि माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उनकी उपासना कीजिये।