- मकर संक्रांति पर दान का होता है विशेष महत्व
- शरीर और तन को गर्म करने वाली चीजें दान करें
- कंबल, खिचड़ी, तिल-गुड़ का दान श्रेयस्कर है
मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी और इसी दिन स्नान-दान करना श्रेयस्कर होगा, क्योंकि 14 जनवरी को रात 2:19 बजे के बाद सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा। इस कारण बुधवार को मकर संक्रांति का स्नान और दान-पुण्य करना उत्तम होगा। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के बाद से 40 पुण्यकाल यानी करीब 16 घंटे दान-पुण्य के लिए शुभ माने गए हैं।
मकर संक्रांति पर स्नान के बाद सूर्य को जल देने के बाद उन्हें तिल, गुड़ और चावल चढ़ाना बेहद पुण्यदायी माना गया है। संक्रांति पर दान करने का विशेष महत्व होता है और इस दिन खास चीजों का ही दान किया जाता है। तो आइए जानें संक्रांति की महत्ता के साथ दान की चीजों के बारे में।
ऐसे करें संक्रांति स्नान
यदि आप किसी पवित्र नदी में स्नान कर रहे तो नदी में काले तिल को डाल कर कुश के साथ स्नान करें। यदि आप घर में स्नान कर रहे तो पानी की बाल्टी में काले तिल और गंगाजल डाल कर स्नान करें। स्नान के समय ‘माधौ नारायण अच्युतं केशव...’ का जप करते रहें।
संक्रांति पर करें इन चीजों का दान
मकर संक्रांति तब होती है जब ठंड अपने पूरे चरम पर होती है। इसके बाद से ठंड कम होना शुरू हो जाती है। संक्रांति पर ऐसी चीजों का दान करना श्रेयस्कर होता है जो समय के अनुसार हों। जैसे कंबल, स्वेटर-ऊनी वस्त्र, अलाव के लिए लकड़ी आदि। खाने-पीने की चीजों में तिल, गुड़, खिचड़ी, मिष्ठान, आंवला और मौसमी फलों का दान करना चाहिए।
मकर संक्रांति पर क्यों दान करते हैं और खाते हैं खिचड़ी?
मकर संक्रांति पर दाल-चावल की खिचड़ी खाने और दान करने का बहुत महत्व होता है। इस खिचड़ी में तिल भी कई जगह मिलाया जाता है। इसके पीछे धार्मिक कारण भी हैं और वैज्ञानिक कारण भी। इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि सब्जियों और गरम मसाले के साथ बनी खिचड़ी पोषण से भरपूर और शरीर को गर्म रखने वाली होती है।
ठंड में पाचन कमजोर होता हैं, इसलिए ये सुपाच्य होती है। दाल के कारण प्रोटीन इसमें अधिक होता है, इस वजह से ये पेट को लंबे समय तक भरा भी महसूस कराती है। ऐसे में दान करने और खाने के लिए इससे बेहतर कुछ और नहीं हो सकता। संक्रांति पर खिचड़ी दान करने के पीछे कारण यही है कि इससे जरूरतमंदों को भी ठंड से राहत मिलेगी और पोषण भी।