मार्गशीर्ष माह का हिंदू धर्म में बेहद महत्व है। इस माह को अगहन मास के नाम से भी जाना जाता है। वैसे तो सालभर में पड़ने वाली हर अमावस्या का अपना अलग ही महत्व होता है लेकिन मार्गशीर्ष अमावस्या का एक खास महत्व है। इस दिन उपवास करने से अत्यंत शुभ फल की प्राप्ति होती है और व्रती के सभी प्रकार के रोग-दोष का नाश होता है।
गीता का ज्ञान मान्यतानुसार भगवान श्री कृष्ण ने इसी माह में दिया था। अत: इस माह की अमावस्या तिथि भी बहुत ही पुण्य फलदायी मानी जाती है। आज के दिन स्नान, दान-पुण्य और अन्य धार्मिक कार्य किए जाते हैं। इतना ही नहीं इस दिन पितरों के कार्य विशेष रूप से सम्पन्न किए जाते हैं और यह दिन पूर्वजों के पूजन का दिन होता हैं।
मार्गशीर्ष/अगहन अमावस्या (तिथि)
मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि- 26 नवंबर, मंगलवार 2019
मार्गशीर्ष अमावस्या आरंभ - 22:43 बजे (25 नवंबर 2019) से
मार्गशीर्ष अमावस्या समाप्त - 20:38 बजे (26 नवंबर 2019) तक
मार्गशीर्ष/अगहन के दिन भूल कर भी न करें ये काम
- अमावस्या की रात सुनसान जगह पर जाने से बचना चाहिये। माना जाता है कि आज की रात भूत-प्रेम, पितृ, पिशाच, निशाचर, जीव-जंतु और दैत्य ज्यादा सक्रिय रहते हैं।
- आज के दिन देर तक सोने से बचें। जल्दी उठ कर भगवान सूर्य को जल चढ़ाएं।
- अमावस्या के दिन परिवार में लड़ाई झगड़ा न करें। विवादों से बचें नहीं तो आपके पितर नाराज हो जाएंगे।
- आज के दिन नॉन वेज चीजों का सेवन नहीं करना चाहिये। साथ ही शराब का भी सेवन न करें।
- अमावस्या के दिन संबंध बनाने से बचना चाहिए। नहीं तो पैदा होने वाली संतान का जीवन कष्टकारी बन सकता है।
आज यमुना स्नान का है विशेष महत्व
भगवान श्री कृष्ण ने गोपियों से यमुना स्नान की महत्ता बताई है। भगवान ने गोपियों से अपनी भक्ति प्राप्त करने का सबसे सहज तथा सरल तरीका मृगशिरा मास में यमुना स्नान बताया है। इस अमावस्या को स्नान का विशेष फल प्राप्त होगा।