- मोहिनी एकादशी वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी है
- इसका व्रत करने से पापों का नाश होता है
- इससे धन और सेहत की भी प्राप्ति होती है
वैशाख माह शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहते हैं। इस वर्ष यह व्रत 03 मई को रखा जाएगा। मोहिनी एकादशी 03 मई को प्रातः 09 बजकर 10 मिनट पर प्रारम्भ होगी और 04 मई को 06 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगी। मोहिनी एकादशी का व्रत बहुत ही पुण्यदायी होता है। इस व्रत को करने से कई जन्मों के पापों का नाश होता है व अनन्त पुण्य की प्राप्ति होती है।
जानें इस व्रत में पुण्य प्राप्ति के सहज उपाय
- भगवान विष्णु की पूजा व साथ में श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ अत्यंत आवश्यक है। भगवान विष्णु के दो पूर्ण अवतार हैं राम व कृष्ण। अपने-अपने इष्ट हैं। दोनों एक हैं। अपने श्रद्धानुसार भगवान राम व कृष्ण की पूजा करें।
- श्री रामचरितमानस के अरण्यकाण्ड का पाठ करें। इससे भक्ति प्राप्त होती है। सुन्दरकाण्ड के पाठ से कष्टों से मुक्ति मिलेगी।
- धन प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत रखें व भगवान विष्णु के साथ साथ माता लक्ष्मी जी की पूजा करें। श्री सूक्त के ऋगवेदिक श्री सूक्तम के 16 मंत्रों का जप करें व फिर हवन करें।
- जो लोग रोग ग्रस्त हैं, जो लोग किसी भय से परेशान हैं। जिनको लगता है कि अब हम असुरक्षित हैं, ऎसे लोगों को श्री रामरक्षास्तोत्र का प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में पाठ करना बहुत ही प्रभावी है। इसके पाठ से रोग व भय से विजय की प्राप्ति होगी।
- इस दिन दान अवश्य करें। अन्न दान का बहुत महत्व है। इस पर्व पर चावल, दाल, आलू, सब्जी इत्यादि कम से कम पांच व्यक्तियों के भोजन के बराबर अन्न दान अवश्य करना चाहिए।
- पीले वस्त्र व फल का दान करने से धन की प्राप्ति होती है।
- इस दिन अपने राशि के स्वामी ग्रह के बीज मंत्र का जप अवश्य करें।
- अपने गुरुदेव का स्मरण करें। उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
- कुंडली का नवम भाव भाग्य का व दशम कर्म का होता है। भाग्य व कर्म को मिलाकर सफलता मिलती है। भाग्येश के स्वामी ग्रह के बीज मंत्र का जप व उनके द्रव्यों के दान तथा उसके साथ श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति व धन का आगमन होता है।
इस प्रकार इतना उपाय करके हम धन व पुण्य दोनों प्राप्त कर सकते हैं। सबसे आवश्यक भगवान के प्रति श्रद्धा व समर्पण की भावना का होना है। गीता के 18वें अध्याय में 66वें श्लोक में भी भगवान ने पूर्ण समर्पण की बात की है। भगवान विष्णु की इस दिन समर्पण पूर्वक पूजन करें व अपने जीवन को धन्य करें।