- देवी लक्ष्मी की पूजा शाम को करना ज्यादा फलीभूत होता है
- लक्ष्मी जी की पूजा में सफेद और गुलाबी पुष्प अपर्ण करें
- शुक्रवार के दिन देवी के मंत्रों का उच्चारण जरूर करें
धन की देवी मां लक्ष्मी की विशेष पूजा का दिन शुक्रवार होता है। इस दिन देवी को प्रसन्न करने के लिए उनकी विशेष पूजा भी करनी चाहिए। माता लक्ष्मी की पूजा शाम के समय करना ज्यादा फलीभूत होलती है। शाम के समय श्वेत वस्त्र पहन कर माता के चरणों में श्वेत और गुलाबी फूल चढ़ाना चाहिए। साथ ही माता को सफेद रंग का भोग लगाना चाहिए। मान्यता है कि देवी लक्ष्मी के कुछ मंत्र ऐसे हैं जो हर तरह की धन समस्या को दूर करते हैं। यदि आपके जीवन में आर्थिक संकट पीछा नहीं छोड़ रहा तो आपको मां लक्ष्मी के इन मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए।
यदि आप माता लक्ष्मी का व्रत करना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले पूजा के नियमों का ज्ञान जरूर कर लें। जब भी व्रत का संकल्प लें वह 11, 21 या 51 होना चाहिए। यदि स्त्रियों को व्रत के दौरान पीरियड हो तो वह उस शुक्रवार को छोड़कर अलगे शुक्रवार से व्रत की संख्या जारी रखें। साथ ही यदि आप किसी शुक्रवार घर पर न हो तो भी व्रत को अगले शुक्रवार करें। घर के बाहर व्रत या पूजा नहीं करना चाहिए।
ऐसे करें देवी लक्ष्मी की पूजा का शुभारंभ
- शुक्रवार की शाम को जब सूर्य अस्त हो जाए तो पूजा मंदिर के पास साफ-सफाई करने के बाद लाल आसन बिछा दें। इस आसन पर बैठकर ही आपको पूजा करनी चाहिए।
- देवी के समक्ष धूप-दीप नैवेद्य चढ़ाएं और लोहबान का धूप दें।
- इसके बाद मां लक्ष्मी को 11 इलाइची चढ़ाएं। इलायची को लाल कपड़े में बांध कर रखें और जब पूजा पूरी हो जाए तो आप इसे अपनी तिजोरी में रख दें।
- इसके बाद लक्ष्मी स्त्रोत का पाठ करें। आर्थिक संकट से उबारने के लिए ये सबसे कारगर उपाय है। इसके बाद माता की आरती करें। आरती के बाद मंत्र जाप करें।
इन मंत्रों का करें जाप
- ॐ धनाय नम:
- ॐ धनाय नमो नम:
- ॐ लक्ष्मी नम:
- ॐ लक्ष्मी नमो नम:
- ॐ लक्ष्मी नारायण नम:
- ॐ नारायण नमो नम:
- ॐ नारायण नम:
- ॐ प्राप्ताय नम:
- ॐ प्राप्ताय नमो नम:
- ॐ लक्ष्मी नारायण नमो नम:
देवी लक्ष्मी की पूजा सच्चे मन से और श्रद्धा के साथ करनी चाहिए। व्रत खंडित न हो इसका विशेष ध्यान दें।