- नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है
- मां कात्यायनी की पूजा अर्चना करने से हर मनोकामनाएं पूर्ण होती है
- कात्यायनी माता अपने वाहन सिंह पर बैठी हुई नजर आती है
Navratri 2021 6th Day, Maa Katyayani Vrat Katha in Hindi: भारत में नवरात्रि पर्व बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। इन 9 दिनों में देवी के नौ मूर्तियों की पूजा अलग-अलग तरीके से की जाती है। मान्यता है कि मां दुर्गा साक्षात धरती पर 9 दिनों तक विचरण करती हैं। इन दिनों सच्चे मन से मां की आराधना करने से माता हर विघ्न-बाधाओं को दूर कर लेती हैं।
नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की आराधना की जाती है। मां कात्यायनी अपने भक्तों को शक्ति प्रदान करती हैं। मां का यह स्वरूप बेहद शांत और हृदय को सुख देने वाला हैं। आदिशक्ति होने के बावजूद मां दुर्गा को कात्यायनी का रूप क्यों लेना पड़ा क्या आप जानते हैं। अगर नहीं, तो आइए जाने इस कथा के माध्यम से।
मां कात्यायनी की व्रत कथा (Maa Katyayani Navratri Vrat Katha)
पौराणिक कथा के अनुसार जब महर्षि कात्यायन ने मां नवदुर्गा की घोर तपस्या की। तब माता उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर उनकी पुत्री के रूप में उनके घर में जन्म लिया था। देवी दुर्गा का जन्म महर्षि कात्यायन के आश्रम में हुआ था। मां का लालन पोषण ऋषि कात्यायन ही ने किया था। मां के जन्म लेने के बाद ही श्रीदेवी के नेत्र से देवी दुर्गा की उत्पत्ति हुई थी।
देवी दुर्गा ने ऋषि कात्यायन के यहां आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन जन्म लिया था। माता के जन्म के बाद ऋषि कात्यायन ने अपनी पुत्री मां दुर्गा का 3 दिनों तक पूजन भी किया था। महिषासुर राक्षस का अत्याचार बढ़ जाने के कारण मां कात्यायनी ने उसका वध कर देवताओं को मुक्ति दिलाई थी। माता के इस रूप को धारण करने का यही कारण है।