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Sakat Chauth Vrat Vidhi: माघ महीने में पड़ने वाले सकट चौथ का है विशेष महत्व, ऐसे करें पूजा और नियमों का पालन

Updated Jan 30, 2021 | 17:26 IST

हिंदू मान्यताओं के अनुसार माघ महीने में मनाए जाने वाले सकट चौथ का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सभी दुख दर्द-दूर होते हैं।

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सकट चौथ 2021 व्रत विधि
मुख्य बातें
  • 23 जनवरी 2021 को मनाया जाएगा सकट चौथ
  • सकट चौथ के दिन भगवान गणेश की की जाती है पूजा
  • विघ्नहर्ता गणेश सभी विपत्तियों को करते हैं दूर

हिंदू धर्म शास्त्रों में माघ महीने की चतुर्थी तिथि पर मनाए जाने वाले सकट चौथ का महत्व बताया गया है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा पूरे भारत में धूमधाम से और श्रद्धा भाव से की जाती है। भारत के अलग-अलग जगहों पर सकट चौथ को कई नाम से पुकारा जाता है जैसे संकष्टी चतुर्थी, वक्रतुंड चतुर्थी, तिलकुटा चौथ, सकट चौथ और माही चौथ।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सकट चौथ के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए और सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए। इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देना भी शुभ माना जाता है। सकट चौथ के दिन तिल खाने का और तिल का दान करने का भी महत्व है। इस दिन महिलाएं अपने संतान की सलामती के लिए भगवान गणेश की पूजा करती हैं।

इस वर्ष सकट चौथ 31 जनवरी 2019 को पड़ रही है, इस व्रत के लाभ पाने के लिए पूजा विधि अनुसार करना चाहिए और सभी नियमों का पालन करना चाहिए।

सकट चौथ तिथि और शुभ मुहूर्त

सकट चौथ तिथि: - 31 जनवरी 2021 
सकट चौथ प्रारंभ मुहूर्त: - 31 जनवरी 2021 (शाम 8:24 से लेकर)
सकट चौथ समाप्त मुहूर्त: - 1 फरवरी 2021 (शाम 6:24 तक)
चंद्रोदय का समय: - शाम को 8:40 पर

यहां जानिए पूजा विधि और व्रत नियम।

सकट चौथ पूजा विधि: सकट चौथ के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी नित्य क्रियाओं से निवृत्त हो जाइए। फिर स्नान करने के बाद भगवान गणेश जी के सामने व्रत करने का संकल्प लीजिए और पूजा कीजिए। सूर्यास्त के बाद स्नान करके साफ कपड़े पहन लीजिए और भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना कीजिए। मूर्ति की स्थापना करने के बाद गणेश जी को पीले वस्त्र पहनाना चाहिए।

गणेश जी की मूर्ति के पास कलश में पानी भरकर रख दीजिए। अब विधि-विधान के अनुसार गणेश जी की पूजा और आरती कीजिए। भगवान गणेश को धूप, दीप, नैवेद्य, तिल, लड्डू, शकरकंद, अमरुद, गुड़ और घी अर्पित कीजिए। आरती के बिना कोई भी पूजा संपूर्ण नहीं होती है, इसीलिए पूजा को आरती करने के बाद ही समाप्त करना चाहिए।

इस दिन भगवान गणेश को तिल और गुड़ का भोग लगाना चाहिए। इस दिन तिलकुट का बकरा भी बनाया जाता है जिसे घर का ही कोई सदस्य पूजा करने के बाद काटता है। शाम के समय में चंद्रमा को अर्घ्य देकर इस व्रत का पारण कर लीजिए। अर्घ्य देते समय शहद, रोली, चंदन और रोली मिश्रित दूध दीजिए।

सकट चौथ के दिन इन नियमों का करना चाहिए पालन।

सकट चौथ के दिन तिल का उपयोग करना जरूरी होता है।

इस दिन तिल और गुड़ का दान देना चाहिए।

सकट चौथ के दिन सूर्योदय के बाद नहीं सोना चाहिए।

इस दिन बिना स्नान किए कुछ नहीं खाना चाहिए।

संकष्टी चतुर्थी के दिन झूठ ना बोलें।

सकट चौथ के अवसर पर दिन में ना सोएं।

इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।

अपने घर में लड़ाई-झगड़ा ना करें।

इस दिन किसी भी तरह के नशे से दूर रहिए।

कहा जाता है कि इस दिन जो भक्त भगवान गणेश को प्रसन्न करता है उसके ग्रहों की अशुभता होता दूर होती है और उसके जीवन में होने वाली सभी विपत्तियां टल जाती हैं।

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