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Pausha Putrada Ekadashi ke Upay: पौष पुत्रदा एकादशी पर अपनाएं ये उपाय, संतान प्राप्ति के लिए बताए गए हैं नियम

Updated Jan 23, 2021 | 21:29 IST

हिंदू कैलेंडर के अनुसार पौष महीने में 24 जनवरी को पुत्रदा एकादशी का व्रत पड़ रहा है। यहां जानिए इस व्रत से जुड़े कुछ नियम और उपाय।

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पौष पुत्रदा एकादशी 2021
मुख्य बातें
  • महिलाओं के बीच विशेष लोकप्रिय है पौष पुत्रदा एकादशी
  • 24 जनवरी 2021 को रखा जाएगा यह खास व्रत
  • यहां जानिए पूजा की विधि और संतान प्राप्ति के उपाय

पौष माह के दौरान शुक्ल पक्ष में एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी कहते हैं। सुदर्शन चक्रधारी भगवान विष्णु की पूजा पूरी विधि से करने पर उचित फल की प्राप्ति होती है और नि:संतान दंपतियों को संतान की प्राप्ति होती है और इसलिए उसका नाम पौष पुत्रदा एकादशी है। पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत रविवार, 24 जनवरी 2021 के मनाया जा रहा है।

संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए यह व्रत बहुत महत्वपूर्ण है, इसके अलावा आध्यात्मिक विकास के साथ ही नियम से एकादशी व्रत रहने वाले लोगों के लिए भी यह महत्वपूर्ण है। यहां जानिए पौष पुत्रदा एकादशी के उपाय और पूजा विधि।

संतान प्राप्ति के लिए उपाय: (Pausha Putrada Ekadashi Upay)
● सुबह-सुबह पति-पत्नी दोनों को एक साथ भगवान कृष्ण की पूजा करनी चाहिए।
● संतान गोपाल मंत्र का जाप करें।
● मंत्र जप के बाद दोनों में प्रसाद होना चाहिए।
● अपने दिल की इच्छा के अनुसार चीजों का दान करें और गरीबों को खिलाएं।

पौष पुत्रदा एकादशी व्रत पूजा विधि (Pausha Putrada Ekadashi 2021 Puja Vidhi)
एकादशी व्रत एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। व्रत के लिए पूजा अनुष्ठान इस प्रकार हैं:

1. दशमी के दिन केवल एक समय सात्विक भोजन करना चाहिए, और व्रत और ब्रह्मचर्य के नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए।
2. इस एकादशी (निर्जला व्रत) का व्रत करते समय पानी नहीं पीना चाहिए। अगर चाहें तो शाम को दीप (दीप दान) जलाकर फल खा सकते हैं।
3. तड़के स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें। गंगा जल, तुलसी (एक साथ तुलसी के कई पत्ते), तिल, फूल और पंचामृत चढ़ाते हुए भगवान नारायण की पूजा करें।

एकादशी के बाद अगले दिन द्वादशी के दिन जरूरतमंदों और ब्राह्मणों को भोजन कराएं और साथ ही दान भी करें। फिर, इसके बाद अपना उपवास खोलें।

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