- महिलाओं के बीच बहुत लोकप्रिय है पुत्रदा एकादशी का व्रत
- जनवरी के अंतिम सप्ताह से पहले पड़ेगा पौष पुत्रदा एकादशी व्रत
- यहां जानिए व्रत की तिथि, मुहूर्त और पूजा विधान
पौष माह के दौरान शुक्ल पक्ष में एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। इस दिन सुदर्शन चक्रधारी भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। यह माना जाता है कि अगर कोई व्यक्ति इस दिन उपवास करता है, तो उसे एक बच्चे के साथ आशीर्वाद दिया जाता है और इसलिए उसका नाम पौष पुत्रदा एकादशी है। यह एकादशी महिलाओं के बीच बहुत लोकप्रिय है। इस एकादशी व्रत का प्रभाव एक व्यक्ति के बच्चे को सभी गलत कामों और बुराई से बचाता है।
पौष पुत्रादि एकादशी व्रत तिथि और मुहूर्त (Pausha Putrada Ekadashi Vrat Muhurat)
दिनांक: 24 जनवरी 2021
पौष पुत्रदा एकादशी पारना का समय: 07: 12: 49 से 09:21:06 25 तक।
अवधि: 2 घंटा 8 मिनट
पौष पुत्रदा एकादशी व्रत पूजा विधान (Paush Putrada Ekadashi Puja Vidhi)
एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। व्रत के लिए पूजा अनुष्ठान इस प्रकार हैं:
1. दशमी के दिन केवल एक समय सात्विक भोजन करना चाहिए, और व्रत और ब्रह्मचर्य के नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए।
2. तड़के स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें। गंगा जल, तुलसीदल (एक साथ तुलसी के कई पत्ते), तिल, फूल और पंचामृत चढ़ाएं और भगवान नारायण की पूजा करें।
3. इस एकादशी (निर्जला व्रत) का व्रत करते समय पानी नहीं पीना चाहिए। वे चाहें तो शाम को दीप (दीप दान) जलाकर फल खा सकते हैं।
4. अगले दिन द्वादशी के दिन जरूरतमंदों और ब्राह्मणों को चीजें खिलाएं और दान करें। फिर, अपना उपवास खोलें।
संतान की इच्छा के लिए उपाय? (Pausha Putrada Ekadashi Rituals/Upay)
सुबह-सुबह पति-पत्नी दोनों को एक साथ भगवान कृष्ण की पूजा करनी चाहिए। संतान गोपाल मंत्र का जाप करें। मंत्र जप के बाद दोनों में प्रसाद होना चाहिए। अपने दिल की इच्छा के अनुसार चीजों का दान करें और गरीबों को खिलाएं।