- माघ मास में पड़ने वाली अमावस्या कहलाती है मौनी अमावस्या।
- जरूरतमंदों को दान से होती है मोक्ष की प्राप्ति, मिलती है भगवान विष्णु की असीम कृपा।
- मौनी अमावस्या के दिन जप और तप करने से मिलती है पितरों को शांति।
हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है जिसे माघी अमावस्या भी कहते हैं। कहा जाता है इस दिन पवित्र नदियों में देवता वास करते हैं इसलिए इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए। मौनी अमावस्या के दिन भगवान विष्णु की पूजा श्रद्धा-भाव से की जाती। इस दिन दान देने का विशेष महत्व है।
कहा जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन कुछ बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए, कुछ कार्यों को करके आप अपने भाग्य के दरवाजे खोल सकते हैं वहीं कुछ गलत काम करके आप अपने भाग्य के दरवाजे भी बंद कर सकते हैं। यहां जानिए मौनी अमावस्या के दिन कौन से काम करने चाहिए और कौन से काम नहीं करने चाहिए।
मौनी अमावस्या के दिन कीजिए यह काम (What to do on Mauni Amavasya)
- मौनी अमावस्या के दिन तिल, तिल का तेल, तिल के लड्डू, कपड़े, आदि का दान करना चाहिए।
- माघी अमावस्या के दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाइए।
- इस दिन गर्म कपड़े और कंबल तथा रजाई का दान करना चाहिए।
- पवित्र नदियों में स्नान करने के बाद पितरों की शांति के लिए पितृ श्राद्ध कीजिए।
- सौभाग्यवती महिला बनने के लिए पीपल के पेड़ के नीचे भगवान विष्णु की पूजा कीजिए फिर 108 बार पीपल के पेड़ की परिक्रमा कीजिए।
- अपने पापों से मुक्त होने के लिए पवित्र नदियों में स्नान कीजिए।
- काले तिल को गुड़ के साथ मिलाकर लड्डू बनाइए और लाल कपड़े में बांधकर इसे जरूरतमंदों को दान दीजिए।
मौनी अमावस्या पर भूल से भी ना करें यह काम (What not to do on Mauni Amavasya):
- ब्रह्म मुहूर्त में उठने के बाद और नहाने से पहले मौन व्रत रखना चाहिए।
- इस दिन लड़ाई, झगड़े और विवादों से दूर रहिए। घर में किसी से झगड़ा ना करें और झूठ ना बोलें।
- मौनी अमावस्या के दिन शरीर पर तेल मत लगाइए और ना ही तेल से मालिश कीजिए।
- जो लोग मौनी अमावस्या का व्रत रखना चाहते हैं उन्हें श्रृंगार नहीं करना चाहिए।
मौनी अमावस्या पर शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए। इस दिन नहाए बिना भोजन ना करें और मांसाहारी भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए।